PATNA : पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 93 वर्षीय के. नटवर सिंह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. खबर है कि दिल्ली में रविवार (11 अगस्त) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार ने बताया कि खराब स्वास्थ्य की वजह से पिछले हफ्ते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वहीं, पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह की निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक पसरा है। उनके चाहने वाले सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए भावुक पोस्ट कर रहे हैं और शोकित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इसके साथ ही कई राजनेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। लोग उनके निधन को एक भारी और अपूरणीय क्षति बता रहे हैं।
मालूम हो कि, साल 2004-05 में UPA-I सरकार में के. नटवर सिंह ने बतौर विदेश मंत्री अपनी सेवाएं दी थीं। पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम करने वाले के. नटवर सिंह 966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से भी जुड़े हुए थे। कुंवर नटवर सिंह ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में भी भारत के राजदूत का कार्यभार संभाला था।
नटवर सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर राजस्थान के भरतपुर से चुनाव लड़ा था और लोकसभा सांसद बने थे। 1985 में उन्हें राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में शपथ दिलाई गई और उन्हें इस्पात, कोयला और खान तथा कृषि मंत्रालय दिए गए। 1986 में वे विदेश राज्य मंत्री बने। सिंह 1987 में न्यूयॉर्क में आयोजित निरस्त्रीकरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अध्यक्ष चुने गए और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 42वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया। उन्होंने लगभग एक दर्जन किताबें भी लिखीं, जिनमें 'द लिगेसी ऑफ नेहरू: ए मेमोरियल ट्रिब्यूट', 'टेल्स फ्रॉम मॉडर्न इंडिया', 'ट्रेजर्ड एपिस्टल्स' और उनकी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार रविवार को दिल्ली में किया जाएगा।