बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें सुखदेव दास जी महाराज से मिलने पहुंचे नित्यानंद राय, 60 साल से चल रहे सीताराम नाम धुन के अखंड कीर्तन में हुए शामिल विपक्ष को करारा जवाब: 'बीमार' कहने वालों की नीतीश ने कर दी बोलती बंद, 84 चुनावी रैलियों को किया संबोधित Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा बगहा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विद्यालय का छज्जा गिरा, तीन किशोर घायल Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत Police Transfer Posting: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, ASP स्तर के 23 अधिकारियों का तबादला
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Apr 2024 03:31:44 PM IST
- फ़ोटो
GOPALGANJ : छत्तीसगढ़ में हुए 776 करोड़ के घोटाले के मामले में गोपालगंज की पुलिस ने पूर्व आईएएस और छत्तीसगढ़ अबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को आज गिरफ्तार कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी बिहार के गोपालगंज जिला के भोरे थानाक्षेत्र के सिसई गांव से हुई है। पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। एसपी ने बताया कि आईएएस कैडर के पदाधिकारी और छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी पर घोटाले का मामला दर्ज है।
वहीं, छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले प्रकाश पति त्रिपाठी के पुत्र अरुणपति त्रिपाठी 9 माह तक जेल में रहने के बाद बाहर निकले थे और बीते जनवरी माह से ही मोबाइल बंद कर फरार चल रहे थे। छत्तीसगढ़ पुलिस की इनपुट पर गोपालगंज के भोरे थानाक्षेत्र की पुलिस ने सिसई गांव से अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया और इन्हें छत्तीसगढ़ की एसीबी पुलिस को सौंप दिया है।
वहीं, गिरफ्तारी के बाद पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें वह छतीसगढ़ में नई सरकार के गठन होने के बाद साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में 776 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का मामला प्रकाश में आया था। जिसमें सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए एसीबी और ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कराई थी।
एफआईआर में गोपालगंज के भोरे थानाक्षेत्र के सिसई निवासी और छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के एमडी अरुणपति त्रिपाठी समेत कुल 70 लोगों को अभियुक्त बनाया है। उधर, इसी मामले में अरुणपति त्रिपाठी फरार चल रहे थे और गोपालगंज की पुलिस ने भोरे थानाक्षेत्र के सिसई गांव से उन्हें गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ की एसीबी को सौप दिया है।