खोखला है नीतीश सरकार का दावा, शुरु हो गया बिहारी मजदूरों का पलायन

खोखला है नीतीश सरकार का दावा, शुरु हो गया बिहारी मजदूरों का पलायन

PURNIA:  लॉकडाउन में फंसे करीब 20 लाख प्रवासी मजदूर बिहार आए हैं. सरकार ने दावा किया था कि  वापस आए बिहारियों को बाहर जाने की जरूरत नहीं है. बिहार में ही रोजगार मिलेगा. लेकिन यह सरकार का दावा फेल हो गया. बिहारी मजदूर फिर से वापस कमाने के लिए जाने लगे. उनका कहना है कि अगर नहीं कमाए तो वह भूख से ही मर जाएंगे. 

पूर्णिया से हरियाणा जा रहे मजदूर

गांव में रोजगार के साधन मुहैया नहीं होने के कारण मजबूरन अपने एवं परिवार के पेट की भूख को शांत करने के लिए पूर्णिया जिले से मजदूरों को बाहर जाना मजबूरी बन गया है. शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के नितेंद्र पंचायत एवं मच्छटटा पंचायत के करीब 30 मजदूर हरियाणा के लिए पलायन कर गए. पलायन कर रहे कन्हरिया,लरहैया एवं सिमलबाडी के मजदूर सईद,साजिद,मुजफ्फर,परवेज, दिलशाद, तारिक़,मोफिल,इजहारूल आदि ने बताया कि कोरोना वायरस बीमारी के खतरे को जानते हुए भी परिवारों एवं बच्चों के पेट भरने के लिए मजबूर हो कर बाहर जाना पड़ रहा है.


 

हरियाणा के किसान ने भेजा बस

मजदूरों ने बताया कि कन्हरिया, लरहैया, सिमलबाडी के 30 मजदूर हरियाणा के नालथा पानीपत गांव जा रहे हैं .वहां के बड़े किसान ने सरकार से परमिशन लेकर हमलोगों के लिए बस भेजा है . बस लेकर हरियाणा से आए हुए ड्राइवर ने बताया कि वहां के किसान ने इन सभी लोगों का आधार कार्ड वहां मंगवाया था और सरकार से परमिशन लेकर लॉकडाउन के नियम के तहत सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इन सभी लोगों को वहां ले जाया जा रहा है. वहां यह लोग खेती एवं अन्य  काम करेंगे.