PATNA : पूर्णिया के बायसी थाने के मझुआ महादलित टोले पर बर्बर हमले के आऱोपियों में से ज्यादातर अभी भी फरार है. घटना के 8 दिनों के बाद भी पुलिस सिर्फ 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर पायी है. जबकि पीडित परिवारों ने 63 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाने के साथ साथ कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. घटना को लेकर स्थानीय एसडीपीओ पर पीडित परिवार गंभीर आरोप लगा रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्थानीय थानेदार को लाइन हाजिर कर पुलिस ने कार्रवाई का दिखावा कर लिया है. उधर बिहार सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी रोज अपना प्रतिनिधिमंडल पीडितों के पास भेजकर कोरम पूरा कर ले रही है.
प्लानिंग के साथ किया था अटैक, पुलिस को भनक नहीं लगी
बायसी के मझुवा गांव पर 19 मई की रात हुए हमले की अब तक हुई जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं वे चौंकाने वाले हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक हमलावरों ने पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया था. उनकी प्लानिंग ऐसी थी कि कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षति पहुंचायी जाये. लिहाजा 200 से 300 हथियारबंद लोग मझुवा गांव में पहुंचे. महादलित टोले के लगभग दो दर्जन घरों को आग लगाने के साथ ही पूर्व चौकीदार नेवालाल राय की हत्या कर दी औऱ गांव के महादलितों को घरों से निकाल निकाल कर पीटा. महिलाओं के साथ भी मारपीट औऱ गलत किया गया. प्लानिंग के साथ सैकड़ों लोगों द्वारा पूरे गांव को घेर कर अंजाम दिये गये इस भीषण कांड की कोई भनक पुलिस को नहीं लगी. पुलिस को उनकी प्लानिंग की जानकारी मिली औऱ ना ही उस वक्त कोई खबर मिली जब हमलावर घटना को अंजाम दे रहे थे.
ज्यादातर अभियुक्तों की गिफ्तारी नहीं
घटना के 8 दिन बीत चुके हैं. लेकिन पुलिस की चुस्ती का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक कुल नामजद अभियुक्तों में से सिर्फ 11 की गिरफ्तारी की जा सकी है. मझुवा गांव के पीडितों ने घटना को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज करायी है उसमें 63 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इसके अलावा कई औऱ ऐसे अभियुक्त बनाये गये हैं जिनका नाम ग्रामीणों को पता नहीं है. लेकिन पुलिस सब मिलाकर सिर्फ 11 को गिरफ्तार कर पायी है. पूर्णिया पुलिस कह रही है कि दूसरे अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गुरूवार को कोर्ट से वारंट लिया जायेगा. वैसे उन्हें पकडने के लिए छापेमारी हो रही है लेकिन कोई वे पकड़े नहीं जा रहे हैं. पुलिस कह रही है कि कई अभियुक्त बंगाल भाग गये हैं.
SDPO पर गंभीर आरोप
घटना को लेकर पीड़ित परिवार बायसी के एसडीपीओ मनोज कुमार राम पर गंभीर आऱोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सूचना देने के बावजूद एसडीपीओ मनोज राम ने कोई कार्रवाई नहीं की. मझुवा गांव के कई लोग एसडीपीओ पर आरोपियों से साठगांठ का भी आऱोप लगा रहे हैं. हालांकि एसपी ने बायसी के थानेदार को लाइन हाजिर कर कार्रवाई का कोरम पूरा कर लिया है. वैसे चर्चा इस बात की भी है कि बायसी के थानेदार घटना के दिन छुट्टी पर थे. लेकिन एसडीपीओ ने बताया कि घटना के कुछ घंटे पहले थानेदार ने छुट्टी से वापस लौट कर ड्यूटी ज्वायन कर लिया था. एसडीपीओ का कहना है कि बायसी के थानेदार अमित कुमार 19 मई की रात 7 बजकर 44 मिनट पर अपनी ड्यूटी पर वापस आ गये थे. इतनी बडी घटना के बाद थानेदार को लाइन हाजिर करने की रस्म अदायगी की गयी है. पीडितों के आऱोपों से घिरे एसडीपीओ मनोज कुमार राम को तो मामले की छानबीन में लगा दिया गया है.
बीजेपी की सियासत
उधर बिहार की सत्ता में साझीदार पार्टी बीजेपी के नेताओं ने बायसी कांड को लेकर बड़े बड़े बयान दिये हैं लेकिन पार्टी सरकार के स्तर से कुछ नहीं कर पा रही है. हां, बीजेपी के नेता हर रोज मझुवा गांव में जरूर पहुंच रहे हैं. बुधवार को बीजेपी ने समस्तीपुर के रोसडा के विधायक वीरेंद्र कुमार पासवान औऱ दूसरे नेताओं को मझुवा गांव में भेजा. बीजेपी नेताओँ की टीम के सामने पीडितों ने पुलिस को लेकर शिकायतों का अंबार लगा दिया. भाजपा नेता सिर्फ ये कह कर निकल गये कि वे रिपोर्ट बना रहे हैं जिसे सरकार को सौंपेंगे. इससे पहले भी बीजेपी ने अपने प्रदेश कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में अपनी हाईलेवल टीम को मझुवा गांव में भेजा था जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 300 मुसलमानों की जमात ने महादलित टोले पर हमला कर बर्बर उत्पात मचाया था. बीजेपी की हालत ये है कि वह अभियुक्तों को गिरफ्तार तक नहीं करा पा रही है.