Bihar Crime News: बिहार में कहां मिला सूटकेस से युवती का शव? बदमाशों ने लड़की के चेहरे को जलाया Bihar Crime News: बिहार में कहां मिला सूटकेस से युवती का शव? बदमाशों ने लड़की के चेहरे को जलाया Katihar News: 15 सितंबर को पीएम मोदी का पूर्णिया दौरा, कटिहार की महिलाओं में भारी उत्साह Katihar News: कटिहार में BPSC की 71वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न, DM-SP ने एग्जाम सेंटर का किया निरीक्षण Katihar News: कटिहार में BPSC की 71वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न, DM-SP ने एग्जाम सेंटर का किया निरीक्षण PM Modi Mother AI Video: पीएम मोदी और उनकी मां का AI वीडियो बनाने पर एक्शन, कांग्रेस IT सेल के खिलाफ केस दर्ज PM Modi Mother AI Video: पीएम मोदी और उनकी मां का AI वीडियो बनाने पर एक्शन, कांग्रेस IT सेल के खिलाफ केस दर्ज बिहार में नेटवर्क मार्केटिंग फ्रॉड: पुलिस ने 90 युवकों का किया रेस्क्यू, बंगाल-असम के लड़कों को किया हाउस अरेस्ट बिहार में नेटवर्क मार्केटिंग फ्रॉड: पुलिस ने 90 युवकों का किया रेस्क्यू, बंगाल-असम के लड़कों को किया हाउस अरेस्ट Bihar News: दर्दनाक सड़क हादसे में रमई राम की मौत, ससुराल जाने के दौरान तेज रफ्तार बस ने रौंदा
1st Bihar Published by: Updated Fri, 28 May 2021 08:17:11 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पूर्णिया के बायसी थाने के मझुवा गांव में अमानवीय जुल्म के शिकार बने महादलितों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा है. कहा है-बायसी में तैनात SDPO के रहते वे महफूज नहीं है. SDPO की मिलीभगत से ही उनके साथ इतनी बडी घटना हुई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो आदतन खामोश हैं लेकिन सवाल ये है कि बयानवीर भाजपा सरकार की सबसे बडी पार्टी होते हुए भी खामोश क्यों है.
मझुवा के महादलितों की गुहार
मझुवा में बर्बरता के शिकार हुए महादलित परिवारों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा है. उनका सीधा आरोप बायसी के SDPO मनोज कुमार राम और थाने की पुलिस पर है. पीडितों ने कहा है कि बायसी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शुरू से ही महादलित परिवारों को प्रताडित करते रहे हैं. महादलित जब भी उनसे गुहार लगाने गये तब तब पीडितों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी गयी. ग्रामीणों का आरोप है कि उन पर लगातार जुल्म होता रहा. इसको लेकर थाने में शिकायत औऱ प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी लेकिन आरोपियों से सांठगांठ कर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
ग्रामीणों ने कहा है कि 19 मई की रात उन पर जो भीषण जुल्म हुआ उसके लिए पूर्णिया के SDPO जिम्मेवार हैं. उनके कारण ही इतनी बडी घटना हुई. लेकिन घटना के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय SDPO को संरक्षण दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसे अधिकारी के रहते निष्पक्ष जांच औऱ कार्रवाई हो ही नहीं सकती. इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाये. ग्रामीणों ने अपना पत्र डिप्टी सीएम, डीजीपी से लेकर मानवाधिकार आय़ोग, अनुसूचित जाति आय़ोग औऱ महिला आयोग को भी भेजा है.
बीजेपी की घिग्घी क्यों बंधी है
गौरतलब है कि 19 मई की रात महादलितों के गांव मझुवा को 200 से ज्यादा हमलावरों ने घेर कर घंटों आतंक का नंगा नाच किया था. लगभग दो दर्जन महादलितों के घरों में आग लगा दिया गया था. वहीं, गांव के पूर्व चौकीदार नेवालाल राय की पीट पीट कर हत्या कर दी गयी थी. कई महादलितों की बर्बर पिटाई की गयी थी औऱ महिलायों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया था. इस घटना के ज्यादातर अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. ग्रामीणों ने 63 नामजद अभियुक्त बनाया है जिसमें सिर्फ 11 गिरफ्तार किये जा सके हैं.
इस घटना को लेकर बीजेपी ने जमकर बयानबाजी की. बीजेपी का कई प्रतिनिधिमंडल गांव का दौरा कर आय़ा है. बीजेपी के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने गांव का दौरा करने के बाद कहा कि मुसलमानों ने दलितों की बस्ती में जुल्म ढाया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ साथ बीजेपी के कई नेताओं ने खूब बयान भी दिये.बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने दावा किया कि उन्होंने सारे पुलिस अधिकारियों से बात कर ली है और पुलिस ठोस कार्रवाई कर रही है. लेकिन अब तक न अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है और ना ही इस घटना के लिए लापरवाह बताये जा रहे पुलिस अधिकारियों का बाल भी बांका हुआ है. ग्रामीण शुरू से ही कह रहे हैं कि बायसी के SDPO के कारण उनके साथ इतना बडा जुल्म हुआ. लेकिन बीजेपी कार्रवाई के नाम पर चुप बैठ गयी है. सवाल ये उठ रहा है कि बीजेपी सरकार में इतनी भी हैसियत नहीं रखती कि वह महादलितों पर इतने बडे जुल्म के बाद एक डीएसपी तक को नहीं बदलवा पाये.
वैसे मझुवा गांव बीजेपी औऱ उसके सहयोगी संगठनों के लिए पर्यटन स्थल जरूर बन गया है. बीजेपी का आधा दर्जन प्रतिनिधिमंडल महादलितों के इस गांव में जा चुका है. गुरूवार को बीजेपी के सहयोगी संगठन विश्व हिन्दू परिषद औऱ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता गांव में पहुंचे. बयान दिया औऱ वापस लौट गये.