PATNA : बिहार के अंदर सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में रिजर्वेशन की पुरानी व्यवस्था लागू करने के लिए नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। प्रमोशन में रोक के अपने ही फैसले को खत्म कराने के लिए नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है। आपको बता दें कि की प्रोन्नति के मामले पर आगामी 5 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है, राज्य सरकार उसी दिन कोर्ट से यथास्थिति बहाल रखने के लिए पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लेने का आग्रह करेगी।
राज्य सरकार की सेवाओं में पिछले 6 महीने से प्रमोशन पर रोक लगी हुई है। प्रमोशन में रिजर्वेशन की वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अप्रैल महीने में आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने प्रमोशन समिति की बैठक पर ही रोक लगा दी थी। अब राज्य सरकार की नजर कोर्ट में 5 नवंबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है। नीतीश सरकार को यह पता है कि अगर कोर्ट इजाजत देगा तब ही प्रोन्नति के मामले में कोई निर्णय लिया जा सकेगा। राज्य सरकार विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक पर रोक के बाद पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।
प्रमोशन से जुड़े इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का आदेश पारित किया था। इस आदेश के बाद बिहार में प्रमोशन पर रोक लगी हुई है। इस मामले में जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता है राज्य सरकार प्रमोशन पर कोई निर्णय नहीं ले सकती। अब नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध करने वाली है कि वह यथास्थिति बहाल रखने के आदेश को वापस ले ले। सुप्रीम कोर्ट ने अगर राज्य सरकार का आग्रह स्वीकार किया तो प्रमोशन में रिजर्वेशन के फार्मूले के साथ राज्य में पुरानी व्यवस्था लागू हो जाएगी।