प्राइवेट ड्राईवर से SHO करावा रही थी अवैध बालू खनन का काम, अब SP ने किया सस्पेंड; शो कॉज नोटिस जारी

प्राइवेट ड्राईवर से SHO करावा रही थी अवैध बालू खनन का काम, अब SP ने किया सस्पेंड; शो कॉज नोटिस जारी

JAMUI : बिहार में अवैध बालू खनन का मामला काफी सुर्ख़ियों में बना रहता है। राज्य के अंदर आए दिन इसको लेकर मंत्री के तरफ से अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाता है। इसके बाबजूद इसमें पूरी तरह से लगाम लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब एक ताजा मामला जमुई से निकल कर सामने आया है। जहां अवैध बालू खनन को लेकर एसपी ने एक्शन लिया है और एक थानाअध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया है। 


मिली जानकारी के अनुसार, जमुई एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन ने अवैध बालू खनन मामले में  गिद्धौर थानाअध्यक्ष रीता कुमारी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही शो कॉज नोटिस भी जारी किया है। इस नोटिस में थानाअध्यक्ष रीता कुमारी को दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है। ऐसे में अब उनकी परेशानी काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है। 


बताया जा रहा है कि, गिद्धौर थाना के थानाअध्यक्ष रीता कुमारी पर अपने प्राइवेट चालक से अवैध बालू की तस्करी करने का आरोप है। इनके ऊपर 15 अगस्त की देर शाम गिद्धौर थाना के प्राइवेट चालक और उसके दो सहयोगियों को झाझा थाना अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने गुप्त सूचना के आधार पर तीनों को अवैध बालू की तस्करी करते पकड़ा।


उसके बाद झाझा थाना की पुलिस ने तीनों बालू तस्करों से सख्ती से पूछताछ की तो प्राइवेट चालक ने बताया कि पूरा खेल गिद्धौर थाना अध्यक्ष रीता कुमारी के निर्देश पर किया जा रहा है। इसके बाद एसपी ने इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए गिद्धौर थाना अध्यक्ष रीता कुमारी को निलंबित करते हुए पुलिस लाइन भेज दिया है। इसके साथ ही  दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा है। 


बता दें  कि, कुछ दिन पहले गिद्धौर थाना क्षेत्र के धोबघट गांव के रहने वाले युवक ने  थानाअध्यक्ष पर अवैध बालू की तस्करी करवाने का वीडियो भेजो था। थाना अध्यक्ष पर अवैध बालू की तस्करी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही एसपी ने एक जांच टीम बनाई गई थी और थानाअध्यक्ष पर नजर रखी जा रही थी। इसके बाद पुक्ता सबूत मिलते ही एसपी ने कार्रवाई की है सतही पूरे मामले को लेकर एसपी डॉक्टर शौर्य  सुमन ने बताया कि प्राइवेट चालक की गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला संज्ञान में आया था। फिलहाल थाना अध्यक्ष को निलंबित करते हुए दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सही जवाब नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है ।