प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी को घेरा, कहा- कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे लेकिन ये तो मौलिक अधिकार है

प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी को घेरा, कहा- कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे लेकिन ये तो मौलिक अधिकार है

DESK: कोरोना महामारी में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकार ने भी ऐलान किया है। बिहार सरकार ने कोरोनाकाल में अनाथ बच्चों को 1500 रुपये हर महीने देने का ऐलान किया है। वही यूपी, दिल्ली और हरियाणा सरकार ने भी इस बाबत कई ऐलान किए हैं। ऐसे बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम केयर के तहत ऐलान किया है। कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद को लेकर किए गए पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने तीखा हमला बोला।



ऐसे बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम केयर के तहत ऐलान किया है। जिसके तहत ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा,स्वास्थ्य बीमा, प्रतिमाह राशि और 23 साल की उम्र में एकमुश्त 10 लाख की मदद जैसे कदम शामिल हैं। इन्हें उच्च शिक्षा के लिए ऋण भी दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ऐसे बच्चों के लिए घोषणा करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और देश बच्चों की मदद व संरक्षण के लिए सब कुछ करेगा ताकि उनका समुचित विकास हो और वे आगे चलकर परिपक्व नागरिक बनें।



इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री को घेरा है। कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद को लेकर किए गए पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर तीखा हमला बोला। ट्विटर पर पीएम मोदी को जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मोदी सरकार का यह एक और मास्टर स्ट्रोक। इस बार कोविड और उसकी मिस हैंडलिंग से तबाह हुए बच्चों के लिए सहानुभूति और चिंता को दोबारा से परिभाषित किया गया है। इस समय नितांत आवश्यक सहायता मिलने के बजाय बच्चों को इस बात से पॉजिटिव फील करना चाहिए। क्योंकि उन्हें 18 साल का हो जाने के बाद आर्थिक सहायता देने का वायदा किया गया है।



प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम केयर द्वारा किए गये फ्री एजुकेशन के वायदे के लिए आभारी रहिए जो अधिकार आपको पहले से ही संविधान द्वारा दिया हुआ है। आपको बता दें कि राईट टू एजुकेशन के तहत 14 साल तक के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान है और ये हर बच्चे का अधिकार है। इसे देने के लिए राज्य सरकार बाध्य है। 50 करोड़ भारतीयों के हेल्थ केयर को कवर करने वाले आयुष्मान भारत में नामांकित होने के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करें। समय पर ऑक्सीजन और बेड देने में आयुष्मान भारत फेल रहा था।