PATNA: क्या नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ फिर से दोस्ती का रास्ता खुला रखा है. नीतीश के बेहद करीबी रह चुके रणनीतिकार प्रशांत किशोर ऐसा ही दावा कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं. बीजेपी के साथ जाने के लिए नीतीश कुमार ने रास्ता खुला छोड़ रखा है. उन्होंने अपने एक खास नेता को इस काम के लिए रिजर्व रखा है. हालांकि जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को सरासर गलत करार दिया है.
क्या है नीतीश की प्लानिंग
प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए हैं. प्रशांत ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि नीतीश फिर से पलटी मार जायें और बीजेपी के साथ चले जायें तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने करीबी सांसद और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के जरिये बीजेपी के साथ फिर से संवाद कायम का रास्ता खुला रखा है. जरूरत पड़ने पर नीतीश कुमार हरिवंश के जरिये ही बीजेपी से संपर्क साधेंगे.
आखिर क्यों नहीं हरिवंश ने दिया इस्तीफा
प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग ये सोंच रहे हैं कि नीतीश कुमार पूरे देश में बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने निकले हैं, वे ये जान कर हैरान रह जायेंगे कि नीतीश ने भाजपा के साथ फिर से जाने का रास्ता भी खुला रखा है. अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश के जरिये वे बीजेपी के संपर्क में भी हैं. प्रशांत किशोर ने सवाल पूछा कि बीजेपी के सहयोग से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने आखिरकार क्यों नहीं उप सभापति पद से इस्तीफा दिया. अगर नीतीश बीजेपी के इतने बड़े कट्टर दुश्मन हैं तो उन्होंने क्यों नहीं अपनी पार्टी के सांसद हरिवंश को कहा कि वे उस पद को छोड़ दें जो बीजेपी की कृपा से मिला है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि हरिवंश सिर्फ इस बात के लिए बचाकर रखे गये हैं कि जब जरूरत पड़े तो वे मध्यस्थता कर नीतीश की दोस्ती फिर से बीजेपी से करा दें. बीजेपी के साथ जाने के लिए नीतीश फिर कोई नया बहाना ढूंढ़ लेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के पुराने इतिहास को देखते हुए लोगों को ये ध्यान रखना चाहिये कि वे फिर से पलटी मार कर बीजेपी के साथ जा सकते हैं.
हरिवंश का टिप्पणी से इंकार
प्रशांत किशोर के इस दावे के बाद जब मीडिया ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश से मीडिया ने उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. लेकिन हरिवंश नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. पत्रकार से नेता बने हरिवंश को नीतीश कुमार ने दूसरी बार राज्यसभा का सांसद बना कर भेज रखा है. नीतीश के पलटी मार कर राजद के साथ जाने के बाद हरिवंश सार्वजनिक तौर पर पार्टी से दूरी बना कर रखते दिख रहे हैं. लेकिन वे नीतीश कुमार से लगातार संपर्क में हैं.
जेडीयू ने बताया भ्रम फैलाने की कोशिश
उधर जेडीयू ने प्रशांत किशोर के दावे को भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर ये एलान किया है कि वे जीवन में फिर कभी भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे. त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 50 सालों से राजनीति में हैं जबकि प्रशांत किशोर सिर्फ 6 महीने से राजनीति के मैदान में उतरे हैं. वे लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं.
लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर का दावा अगर सच साबित हो जाये तो फिर हैरानी नहीं होनी चाहिये. नीतीश का पिछला इतिहास भी इसकी गवाही देता है. 2013 में जब वे बीजेपी से अलग हुए थे तो विधानसभा में कहा था कि मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. लेकिन 2017 में फिर से भाजपा के साथ चले गये. इस दफे जब वे बीजेपी का साथ छोड़ कर राजद के साथ गये हैं तो फिर से एलान किया है कि जिंदगी भर भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. ये किसे मालूम है कि नीतीश का ये दावा सच ही साबित होगा.