PATNA: जेडीयू से निकाले जाने के बाद पहली बार पटना पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार से मेरा संबंध सिर्फ राजनीतिक नहीं रहा है. अपने बेटे के समान रखते थे. जब मैं जदयू में था तब भी और उसके पहले भी यह रिश्ता था. मैं उनको पिता की तरह मानता हूं.
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बढ़िया शिक्षा नहीं दे पाए नीतीश
प्रशांत ने कहा कि 15 सालों बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं हुई है जिससे कहा जाए कि बिहार में पूरा परिवर्तन हो गया है. 2005 में बिहार की स्थिति थी जो आज भी दूसरे राज्यों के अपेक्षा बिहार में आज भी वैसे ही हैं. स्कूलों के बच्चों के बीच साइकिल बांटा गया,बच्चे स्कूल पहुंचे, लेकिन बढ़िया शिक्षा बच्चों को नहीं दे पाए.
गोडसे या गांधी के साथ
प्रशांत ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार गांधी की बात करते हैं, लेकिन गोडसे के साथ वालों के साथ रहकर यह कैसे होगा. उनको तो किसी एक के साथ ही रहना होगा. नीतीश की विचारधारा को लेकर मैंने कई बार उनको समझाया था. उनके साथ साथ रहने वाले भी कई गोडसे के विचारधारा वाले हैं. नीतीश कुमार कब तक पिछल्लू बने रहेंगे.
70 की उम्र में मेरे खिलाफ बोले झूठ
प्रशांत ने कहा कि 70 साल की उम्र में नीतीश कुमार ने मेरे खिलाफ झूठ का सहारा लिया. उन्होंने मुझे बेटे जैसा कहां है. लेकिन मुझे बेटा बुलाने के लिए मैं उनकी हर भूल पर छूट देता हूं. मैंने नरेंद्र मोदी के लिए खुल कर काम किया था और इसमें छुपाने वाली कोई बात नहीं है.