ब्रेकिंग न्यूज़

MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल

बिहार : प्रशासक पार्षद को मिल सकती है राज्य के शहरी निकायों की कमान

1st Bihar Published by: Updated Fri, 10 Jun 2022 09:35:38 AM IST

बिहार : प्रशासक पार्षद को मिल सकती है राज्य के शहरी निकायों की कमान

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में 100 नगर निकायों का कार्यकाल आज यानी गुरुवार 9 जून 2022 को खत्म हो जाएगा. इसके बाद इन बोर्ड का संचालन प्रशासकों को सौंपे जाने की कवायद की जाएगी. 


इस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर इस पर अंतिम निर्णय हो जाएगा. सूत्रों के अनुसार, बिहार नगरपालिका अधिनियम में चुनाव में देर होने की स्थिति प्रशासक और प्रशासक पर्षद दोनों तरह के विकल्प का प्रविधान है. आपको बता दें प्रशासक पर्षद में 06 मेयर-डिप्टी मेयर और सशक्त स्थायी समिति सहित नौ सदस्य होते हैं. इसके साथ ही एक अधिकारी को भी शामिल किया जाता है. अगर यह जिम्मेदारी प्रशासक पर्षद को दी जाती है, तो चुनाव तक शहरी निकायों में सभी जिम्मेदारी यही कमेटी करेगी. लेकिन अगर प्रशासक पर्षद को जिम्मेदारी देने पर सहमति नहीं बनती है, तो दूसरा विकल्प प्रशासक का है. जिसकी जवाबदेही उस जिलों के DM और अपर समाहर्ता को दी जाएगी जाएगी.


आपको बता दें कि इन सभी निकायों में चुनाव और शपथ ग्रहण का काम 9 जून 2017 को हुआ था. जहां पार्षदों का कार्यकाल 5 साल का होता है. वहीं पूर्णिया और कटिहार नगर निगम का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है.