PATNA : अशोक सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद थी लेकिन उन्हें झटका लग गया है। दोनों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को खारिज करते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने का फैसला किया है। आपको बता दें कि मशरख के विधायक रह चुके अशोक सिंह की साल 1995 में हत्या हुई थी और इसी मामले में कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह को दोषी करार दिया था।
प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह दोनों को हजारीबाग सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है। जिस फैसले को झारखंड हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कोई राहत देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद प्रभुनाथ सिंह और दीनानाथ सिंह की अपील को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए प्रभुनाथ सिंह ने बड़े इंतजाम किए थे। देश के जाने-माने वकील मुकुल रोहतगी और आर बसंत के साथ-साथ नीरज शेखर ने प्रभुनाथ सिंह की तरफ से बहस किया लेकिन पीड़ित पक्ष की तरफ से वकीलों ने जो दलील दी कोर्ट उस पर सहमत नजर आया। पीड़ित पक्ष की तरफ से सिद्धार्थ लूथरा के साथ-साथ यशराज राजवर्धन ने पक्ष रखा। अब प्रभुनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा काटनी होगी।