PATNA: राजधानी पटना में पटना जंक्शन के पास दूध मार्केट के तोड़े जाने का मसला आरजेडी के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो रहा है. काफी दिनों से मुद्दों की तलाश में जुटी पार्टी को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है. बड़ा इसलिए नहीं कि यह मसला सूबे के किसी नीति से जुड़ा है, बड़ा मुद्दा इसलिए है कि तेजस्वी इसके बहाने अपने परंपरागत वोट बैंक की नब्ज पहचानना चाहते हैं. खुद को उनके साथ खड़े दिखाना चाहते हैं.
पिछले 46 दिनों के राजनीतिक वनवास के बाद तेजस्वी अचानक मंगलवार की शाम दिल्ली से पटना पहुंचे हैं. जाहिर है तेजस्वी आराम के बाद उर्जा से भरे हैं और आगामी विधानसभा की तैयारियों के लिए एक मुद्दे की तलाश में हैं. शायद दूध मार्केट को तोड़े जाने से बेहतर मामला तेजस्वी को कहां मिल पाता. तभी तो भारी बारिश के बीच अपने पार्टी विधायकों के साथ तेजस्वी दूध मार्केट के बाहर जमे हैं. कह रहे हैं कि तबतक नहीं हटेंगे जबतक दूध मार्केट को तोड़ने को लेकर सरकारी आदेश नहीं दिखाया जाता.
तेजस्वी के साथ दर्जनों समर्थक धरने पर बैठे हैं और वहीं से सरकार को नसीहत भी दे रहे हैं और चेतावनी भी दे रहे हैं. तेजस्वी ने कहा है कि अगर इस मामले में मुख्यमंत्री का घेराव करने की भी जरुरत होगी तो पार्टी इससे पीछे नहीं हटेगी. धरना स्थल पर गरीबों के नाम पर जमकर राजनीति हो रही है. नगर निगम अधिकारियों से मौके पर ही बैठकर पार्टी विधायक मोबाइल अधिकारियों को मौके पर बुला रहे हैं. मतलब है अपने परंपरागत वोटरों के पक्ष में वो तमाम बातें हो रही हैं जो एक वोटरों को भी चाहिए और नेताओं को भी. पार्टी के कई विधायक जो मौके पर मौजूद हैं वो खुलकर नीतीश सरकार के खिलाफ आग उगल रहे हैं. नगर निगम की कार्रवाई में एक धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचा है. इस बात को भी कोई यदुवंश से जोड़ रहा है तो कोई सनातन धर्म से. मतलब है मौके पर तेजस्वी मौजूद तो जरुर हैं लेकिन वहां लोगों की बातें कम राजनीति ज्यादा हो रही.
पटना से गणेश सम्राट की रिपोर्ट