PURNEA: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों द्वारा पूर्णिया सांसद को जान से मारने की धमकी दिये जाने की बात गलत साबित हो गयी। पूर्णिया पुलिस ने दावा किया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंस से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में पप्पू यादव के करीबियों का हाथ है। आरा के रहने वाले रामबाबू को पैसे देकर पप्पू यादव को धमकी देने को कहा गया था।
खुद पूर्णिया एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने इस बात का खुलासा किया। लेकिन पप्पू यादव अब पूर्णिया पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे है कि यदि पैसे देकर धमकी दिलाई गयी है तो उस नाम का जल्द खुलासा पुलिस करे। पप्पू यादव ने कहा कि पुलिस मेरी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। पूर्णिया पुलिस के इस खुलासे से पप्पू यादव भड़क गये हैं। कहने लगे की नीतीश जी..आपकी पुलिस मानसिक रूप से दिवालिया हो गयी है
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि...माननीय @NitishKumar आपकी पुलिस मानसिक रूप से दिवालिया हो गई है..वह वही व्यवहार कर रही है जो दिवंगत कांग्रेस MLA हेमंत शाही जी को गोली लगने पर तत्कालीन सरकार और प्रशासन ने किया था। उनपर घायल होने की नौटंकी का आरोप लगाया..बाद में इलाजरत हेमंत जी की मृत्यु हो गई थी!पुनः वही हो रहा है..
26 लोगों ने अबतक जान से मारने की धमकी दिया..मलेशिया,पाकिस्तान,नेपाल से धमकी मिली है,उस पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं..अगर किसी ने पैसा देकर धमकी दिलाया है तो पुलिस उसके नाम का खुलासा कर गिरफ़्तार करे!..पुलिस किसी के इशारे पर मेरी सुरक्षा से खेल रही है, झूठ फैला हत्यारों को शह दे रही है.
दरअसल व्हाट्सएप पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से माफी मांगने की नसीहत देने और सांसद पप्पू यादव को जान मारने की धमकी देने वाले शख्स को पुलिस ने भोजपुर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार रामबाबू से जब पूर्णिया पुलिस ने पूछताछ की तब पता चला कि उसी ने धमकी दी थी। रामबाबू पप्पू यादव की पुरानी पार्टी जन अधिकार पार्टी का ही कार्यकर्ता निकल गया। गिरफ्तार आरोपी रामबाबू भोजपुर शाहपुर थाना स्थित डुमरिया वार्ड का रहने वाला है।
जिससे पूछताछ के बाद पूर्णिया एसपी ने यह क्लीयर कर दिया कि रामबाबू का गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई ताल्लूकात नहीं है। रामबाबू तो पप्पू यादव की पुरानी पार्टी जन अधिकार पार्टी का कार्यकर्ता ही निकल गया। रामबाबू ने यह स्वीकार किया है कि पप्पू यादव के एक सहयोगी ने सांसद महोदय की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ऐसा करने को कहा था। दो लाख रूपये और भोजपुर से नेता बनाने का लालच दिया गया था। इस प्रलोभन में रामबाबू आ गया था। उसे जैसा करने को कहा गया उसने वैसा किया। फिलहाल रामबाबू पुलिस की गिरफ्त में है।
दरअसल लॉरेंस विश्नोई गैंग से लगातार धमकी मिलने की शिकायत कर रहे पप्पू यादव के मामले में पुलिस ने फिर बड़ा खुलासा किया है. तीन दिन पहले पप्पू यादव ने कहा था कि उन्हें पाकिस्तान से लॉरेंस विश्नोई गैंग के गुर्गे ने फोन कर जान मारने की धमकी दी है. पुलिस ने दो दिन में इस मामले को सुलझा लिया. जिसे लॉरेंस विश्नोई का पाकिस्तानी गुर्गा बताया जा रहा था, वह बिहार के आरा का रहने वाला रामबाबू यादव निकला. इससे पहले भी पप्पू यादव ने दुबई से धमकी मिलने की शिकायत की थी, पुलिस की जांच में वह दिल्ली का रहने वाला कैंटीन कर्मचारी निकला था. अब आरा से गिरफ्तार रामबाबू यादव ने पुलिस के सामने यह बात स्वीकार किया है कि सांसद के कुछ करीबी लोगों ने पप्पू यादव को सुरक्षा प्रदान करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया था।
पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया को बताया कि जिस शख्स के द्वारा वीडियो डाला गया था उसकी जांच की गई है। जांच में पाया गया वह भोजपुर के आरा का रहने वाला है। आरा से पूर्णिया लाकर जब पूछताछ की गयी तब पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग से इसका कोई लिंक नहीं है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव इसके गांव गए थे और वहां फोटो भी खिंचवाई थी। रामबाबू यादव पप्पू यादव का समर्थक भी रह चुका है। पप्पू यादव की पुरानी पार्टी जन अधिकार पार्टी में रामबाबू सदस्य था। गिरफ्तार रामबाबू ने पुलिस को बताया कि सांसद महोदय के सहयोगियों द्वारा संपर्क किया गया और बताया गया कि सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा सरकार नहीं बढ़ा रही है।
उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि पप्पू यादव को धमकी मिले। पप्पू यादव को धमकी दिलवाने के लिए रामबाबू यादव को तैयार किया गया। उसे पूरा स्कीप्ट पढ़कर बताया गया कि सांसद महोदय को धमकी में क्या बोलना है। इसके लिए पैसे भी दिए गए इसमें दो वीडियो शूट किया गया था। एक वीडियो उन्होंने भेजा। दूसरा वीडियो नहीं भेज पाए थे। एसपी ने बताया कि दोनों वीडियो हमें मिल गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार रामबाबू यादव को यह लालच दिया गया था कि उन्हें भोजपुर में ही पार्टी का नेता बनाया जाएगा और वीडियो बनाने से पहले दो हजार रूपये दिये गये थे लेकिन सौदा 2 लाख में तय हुआ था।