PATNA : आज पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के खगडिया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए।सीएम ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बिहार के खगडिया जिला से शुभारंभ करने पर पीएम का धन्यवाद दिया। नीतीश कुमार ने पीएम के सामने कहा कि बिहार में उद्योगों की कमी है। इसे बढ़ावा देने के लिए जीएसटी और आयकर में छूट दी जाए साथ ही साथ यहां एमएसएमई की राशि बढ़ाई जाए।
सीएम नीतीश कुमार के कहा कि राज्य में उद्योग की कमी है। इसे बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता के रुप में जी0एस0टी0 और आयकर में केन्द्र सरकार द्वारा छूट दी जाए। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए आवंटित 25 हजार करोड़ की राशि को और बढ़ाई जाए ताकि बिहार जैसे राज्यों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिल सके। इससे यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि संकट के समय में हमलोगों ने सभी का अच्छी तरह से ख्याल रखा है और आगे भी रखेंगे ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान काफी प्रशंसनीय है। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। मनरेगा, सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ 7 निश्चय की योजनाओं, जल-जीवन- हरियाली अभियान की योजनाओं के तहत राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरु की गई जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 3 वर्ष में 24,000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। जल है, हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है।
सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में काम करने वाले बिहार के श्रमिकों को काफी कष्ट हुआ। हमलोगों ने लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में फंसे बिहार के 21 लाख से अधिक लोगों को राहत देने के लिए उनके खाते में 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से राशि अंतरित की। बाद में केन्द्र सरकार द्वारा प्रावधानों में बदलाव किया गया एवं दूसरे जगहों पर फंसे लोगों को अपने राज्य में वापस जाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी गयी।केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई 15,000 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा लोग बिहार वापस आए। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी कई लोग वापस आए हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि बाहर से आए क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों से मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत बातचीत की। बातचीत के क्रम में उनलोगों ने बताया कि बाहर में उन्हें काफी कष्ट हुआ है और अब वे बिहार के बाहर नहीं जाना चाहते हैं और यहीं काम करना चाहते हैं।सीएम ने कहा कि हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को भी बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले।
सीएम ने कहा कि राज्य में अब तक 9.50 लाख जीविका का गठन किया गया और इससे 1 करोड़ से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं। बाहर से आए 41 हजार परिवारों को भी जीविका से जोड़ा गया है। हमारा लक्ष्य 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में हमने यह सुझाव दिया है कि एनुअल क्रेडिट प्लॉन को बढ़ायें। राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो मात्र 43 प्रतिशत है इसे भी बढ़ाने की जरुरत है। राज्य के बैंकों में यहां के लोगों का अधिक पैसा जमा होता है जिसे बैंक दूसरे राज्यों में निवेश करती है।
बता दें कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत 6 राज्य के 116 जिले में इसकी शुरुआत की गई है, इसमें बिहार के 38 जिलों में से 32 जिले शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां बाहर से 25 हजार या उससे अधिक लोग वापस आए हैं। इस योजना के अंतर्गत 25 कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है और इसकी कार्यावधि अभी 125 दिनों की है। केंद्र सरकार इस पर 50 हजार करोड रुपये खर्च कर रही है। केंद्र सरकार इस अभियान के तहत एक पंचायत में 3 करोड़ 43 लाख रुपये व्यय कर रही है।