आकाश इनविक्टस की लॉन्चिंग: IIT में टॉप रैंक पाने का सपना अब हो सकेगा सच, AI और उत्कृष्ट फैकल्टी के साथ JEE की तैयारी पाटलिपुत्र और झंझारपुर के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन के परिचालन अवधि में विस्तार, अब इतने तारीख तक चलेगी यह ट्रेन patna vaisali six lane bridge; पटना-वैशाली के पुल, दो राज्यों को जोड़ेगा और दूरी कम करेगा ,जानिए जानकारी Life Style: स्लिम दिखने के लिए रोज सुबह यह खास ड्रिंक पीती हैं मलाइका, जान लीजिए.. बनाने का तरीका Sarabbandi in bihar: बिहार में शराब तस्करों पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, सहरसा में 7 गिरफ्तार बिजली काटे जाने से गुस्साएं ग्रामीणों ने किया हमला, 5 कर्मचारी घायल, लाइनमैन की हालत नाजुक Lifestyle: शादी के बाद क्यों बढ़ने लगता है पुरुष और महिलाओं का वजन? जानिए.. क्या है इसके पीछे की वजह Bihar Diwas 2025: पहली बार हरियाणा में भी दिखेगा बिहार दिवस का जलवा, चुनावी रणनीति की चर्चा Gaya kiul passenger train; गया-किऊल रेलखंड पर अब तेज़ रफ़्तार से दौड़ेंगी मेमू ट्रेनें, जानें ट्रेन नंबर Bollywood News: एक्टर विजय देवरकोंडा समेत 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है पूरा मामला?
27-Sep-2020 11:20 AM
PATNA : बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद अब नेताओं के लिए भागमभाग की शुरुआत होने वाली है. अगले डेढ़ महीने का वक्त बिहार में सभी राजनीतिक दलों के लिए आपाधापी वाला होगा. खासतौर पर बीजेपी नेताओं का शिड्यूल बेहद टाइट होने वाला है. लेकिन चुनावी भागम भाग के पहले बिहार बीजेपी के नेताओं ने आज रिलैक्स होकर तेनालीराम की कहानी सुनी.
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए बिहार बीजेपी कार्यालय में प्रदेश के बड़े नेताओं का जुटान हुआ. प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के साथ-साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, मंत्री नंदकिशोर यादव ,मंगल पांडे समेत अन्य नेता बीजेपी कार्यालय पहुंचे. प्रधानमंत्री ने आज मन की बात कार्यक्रम में स्टोरी टेलिंग विषय को रखा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक स्टोरी टेलर से तेनालीराम की कहानी भी सुनी. प्रदेश कार्यालय में बैठे बीजेपी नेता भी तेनालीराम की कहानी सुनते रहे.
पीएम मोदी ने हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं. कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं. कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती हैं. मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा. घुमंत ही मेरी जिंदगी थी. हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार. भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है. हमारे यहां कथा की परंपरा रही है. ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कथा सुनाने वाले सभी से आग्रह करूंगा कि क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं. विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब हमारी नयी पीढ़ी को कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं. हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है.