ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत? Bihar Election 2025: कौन आएगा सत्ता में और किसकी पता होगा साफ? दूसरे चरण के मतदान से तय होगी बिहार की सियासत, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें सुखदेव दास जी महाराज से मिलने पहुंचे नित्यानंद राय, 60 साल से चल रहे सीताराम नाम धुन के अखंड कीर्तन में हुए शामिल विपक्ष को करारा जवाब: 'बीमार' कहने वालों की नीतीश ने कर दी बोलती बंद, 84 चुनावी रैलियों को किया संबोधित Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा Bihar Election 2025: ‘तेजस्वी बनेंगे सीएम, शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को बुलाएंगे’, मीसा भारती का बड़ा दावा

प्रयागराज दौरे पर पीएम मोदी, लेटे हुए हनुमान जी का करेंगे दर्शन; जानें इस मंदिर के पीछे का इतिहास

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 13 Dec 2024 10:03:07 AM IST

प्रयागराज दौरे पर पीएम मोदी, लेटे हुए हनुमान जी का करेंगे दर्शन; जानें इस मंदिर के पीछे का इतिहास

- फ़ोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज के दौरे पर हैं, जहां वे महाकुंभ 2025 से जुड़ी 7,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी संगम तट स्थित ऐतिहासिक "लेटे हुए हनुमान जी" मंदिर, अक्षय वट मंदिर समेत अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन करेंगे।


लेटे हुए हनुमान मंदिर का इतिहास और महत्व

प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित यह मंदिर लगभग 600 वर्ष पुराना माना जाता है। यहां हनुमान जी की 20 फीट लंबी और 7 फीट गहरी दक्षिणाभिमुखी प्रतिमा विश्राम अवस्था में विराजमान है। प्रतिमा में उनके बाएं हाथ में गदा और दाहिने हाथ में राम-लक्ष्मण दिखते हैं। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में पूजे जाते हैं।


कहा जाता है कि लंका विजय के बाद लौटते समय हनुमान जी थकान महसूस कर रहे थे, और माता सीता के कहने पर उन्होंने संगम तट पर विश्राम किया। इसके बाद इस स्थान पर यह अनोखा मंदिर बना।


मुगल इतिहास और अकबर की हार

इस मंदिर से मुगलों का भी इतिहास जुड़ा है। अकबर के सैनिकों ने प्रतिमा को हटाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। मान्यता है कि जैसे-जैसे सैनिक प्रतिमा को उठाने की कोशिश करते, उसका वजन बढ़ता गया और वह जमीन में धंसती चली गई। इस घटना के बाद अकबर ने इसे हटाने का प्रयास छोड़ दिया।


गंगा और लेटे हनुमान जी की अद्भुत घटना

माना जाता है कि हर वर्ष बरसात के दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर स्वयं गंगा मइया आकर हनुमान जी को स्नान कराती हैं। इस घटना से मंदिर की ख्याति और भी बढ़ी, और यहां माघ मेला आयोजित होने लगा।


पीएम मोदी के इस दौरे से महाकुंभ 2025 की तैयारियों को नया आयाम मिलेगा। साथ ही, उनके इस ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन और साधु-संतों से मुलाकात से श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है।