PATNA: बिहार में सियासी जमीन तलाश कर रहे प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी पर लगातार हमला बोल रह हैं। जन सुराज यात्रा के दौरान पीके हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर लालू-नीतीश को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों दावा किया था कि उन्होंने बीजेपी से 17 सीटें जेडीयू को दिलवाई थी। लेकिन अब जेडीयू ने कह दिया है कि प्रशांत किशोर को वह नहीं जानती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पीके के इस दावे पर कहा कि वे किसी प्रशांत किशोर को नहीं जानते हैं। प्रशांत किशोर ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसपर कुछ कहा जाए, प्रशांत किशोर को जेडीयू नोटिस नहीं लेती है।
दरअसल, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का नाम सुनते ही आजकल जेडीयू के नेता भड़क जाते हैं। आज जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से मीडिया कर्मियों ने प्रशांत किशोर के दावे से जुड़ा सवाल किया तो ललन सिंह भड़क गए। उन्होंने कहा कि कौन है प्रशांत किशोर..छोड़िए न उसको.. कौन है प्रशांत किशोर ये आप जानिए..उनसे जाकर पूछिए..प्रशांत किशोर कोई नहीं है, जिसपर हम प्रतिक्रिया दें.. प्रशांत किशोर को हमलोग नोटिस नहीं लेते हैं।
इससे पहले जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी प्रशांत किशोर का नाम सुनते ही गरमा गए थे और कहा था कि राजनीति प्रशांत किशोर के बस की नहीं है। उमेश कुशवाहा ने कहा था कि प्रशांत किशोर का जो रोजगार है वे उसे बढ़ाएं राजनीति करना उनके बस की चीज नहीं है। प्रशांत किशोर के हमला करने से क्या हो जाएगा, जेडीयू की सेहत पर उनके हमले का कोई असर नहीं पड़ने वाला है। प्रशांत किशोर है क्या जो उसे इतनी तवज्जो दी जा रही है। विपक्ष के नेता बोलते हैं तो कुछ बात समझ में आती है लेकिन प्रशांत किशोर कौन है, जिसके बयान पर प्रतिक्रिया दी जाए।
वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के यह आरोप लगाने पर कि पार्टी से जुड़ी किसी भी फैसले में उनकी राय नहीं ली जाती, इसपर जवाब देते हुए ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का चुनाव हो, विधान परिषद का चुनाव हो या पार्टी के जो भी नीतिगत निर्णय हुए, सभी में कुशवाहा से बातचीत की गई और उनकी सहमति के बाद ही सारे निर्णय लिए गए लेकिन अब कह रहे हैं कि उनसे नहीं पूछा गया। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ही यह बता सकते हैं कि उनके भविष्य की राजनीति क्या है। पार्टी में वह हैं उनको पूरा सम्मान दिया गया लेकिन भविष्य में क्या करेंगे इसके बारे में जानकारी उनको है और अगर उनको कोई दिक्कत है तो पार्टी फोरम पर आ कर बात करनी चाहिए पार्टी फोरम से बाहर बात नहीं करनी चाहिए।
इस दौरान ललन सिंह ने गौतम अडानी मामले को लेकर कहा कि इतना बड़ा कॉर्पोरेट घोटाला हो गया लेकिन भारत सरकार चुप है। वित्त मंत्री का बयान कि अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, यह समझ से बाहर है। आखिर भारत सरकार लोकसभा में सीधे तौर पर क्यों नहीं बहस करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जो भी घोटाले हुए हैं सभी को लेकर लोकसभा में बहस हुआ है। इसका मतलब साफ है कि अडानी को किसका संरक्षण है। लोकसभा में बहस करानी चाहिए और पूरे मामले पर निश्चित तौर पर केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए।
वहीं विपक्ष के आरोप पर कि पूर्णिया एयरपोर्ट को जमीन नहीं दिया जा रहा है, इसपर ललन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए जमीन दे है लेकिन कुछ बड़े अधिकारी हैं जो अपनी जमीन के आसपास ही एयरपोर्ट का विस्तार कराना चाहते हैं। लेकिन राज्य सरकार उनके मनसूबों को सफल नहीं होने देगी। राज्य सरकार ने पूर्व की तरफ जमीन दिया है और वही एयरपोर्ट का विस्तार किया जाए लेकिन कुछ अधिकारी हैं जो पश्चिम की तरफ जमीन लेना चाहते हैं और यह जमीन उन अधिकारियों की है और उस पर अपना व्यापार करना चाहते हैं।