फोन टैपिंग कांड को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित

फोन टैपिंग कांड को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित

DELHI : मानसून सत्र का दूसरा दिन आज संसद में हंगामेदार रहा है. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन हंगामे के कारण नहीं चल पाए हैं. सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ लोकसभा में विपक्ष ने फोन टैपिंग कांड को लेकर जोरदार हंगामा किया है. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी है.


वहीं राज्यसभा में भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. फोन टैपिंग कांड को लेकर इतना ज्यादा हुआ कि सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. लोकसभा में जैसे ही प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. पेगासस जासूसी कांड को लेकर सरकार को विपक्ष ने घेरा और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की.


हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विपक्ष के सदस्यों को बार-बार यह कहते रहे कि वह अगर किसी मसले पर सरकार से जवाब चाहते हैं. तो इसके लिए कॉल ऑफ अटेंशन का सहारा लें. लेकिन विपक्ष अपने हंगामे पर पड़ा रहा हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही शुरू कर दी. लेकिन हंगामा और शोर-शराबा इतना ज्यादा था कि ना तो मंत्री माननीय सदस्य की आवाज सुन पा रहे थे और ना ही सरकार का जवाब सांसद. ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी.



उधर राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ फोन टैपिंग कांड को लेकर हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने इस मामले को राज्य सभा में उठाया. इसके बाद सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विपक्ष को नियमों के मुताबिक मामला उठाने की सलाह दी. सदन में हंगामा होता रहा इस बीच सदन की कुछ कमेटियों का रिपोर्ट भी रखा गया. लोक लेखा समिति की रिपोर्ट भी राज्यसभा में पेश की गई. इसके बावजूद हंगामा नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. 


गौरतलब हो कि रविवार को वैश्विक स्‍तर पर कुछ मीडिया संस्‍थानों ने मिलकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें भारत समेत विभ‍िन्‍न देशों में इजरायली NSO ग्रुप के 'पेगासस' स्‍पाईवेयर के जरिए कई लोगों के सर्विलांस की बात कही गई. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 38 लोगों की जासूसी की गई. इनमें पत्रकारों से लेकर कारोबारियों, मंत्रियों और एक सुप्रीम कोर्ट जज का नाम भी आया है. लीक हुए डेटा में 50000 से अधिक फोन नंबरों की सूची है.