PATNA : मुंबई की साइबर क्राइम टीम ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो पेट्रोल पंप और रसोई गैस की एजेंसी दिलाने के लिए अब तक 10 हजार लोगों को चूना लगा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक इस गिरोह ने अब तक लोगों को 10 करोड़ की चपत लगाई है. हैरत की बात यह है कि इस गिरोह का तार पटना से जुड़ा है. पटना में रहकर साइबर अपराधियों ने पेट्रोल पंप, एलपीजी एजेंसी देने की फर्जी वेबसाइट बनाई और मुंबई समेत देश के करीब 10 हजार लोगों को 10 करोड़ की चपत लगाई. इस मामले में मुंबई की साइबर पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जब जांच शुरू की तो पूरा मामला सामने आ गया.
जिस शख्स ने मुंबई साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, उससे साढे तीन लाख की ठगी की गई थी. मुंबई की साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम ने इन वेबसाइट की जांच शुरू की और उसके बाद आईपी ऐड्रेस के आधार पर 3 दिन पहले पटना में छापेमारी कर एक महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पटना के अलग-अलग इलाके से इन सभी की गिरफ्तारी की गई है. अपराधियों में एक आईटी इंजीनियर जबकि तीन ग्रेजुएट और दो इंटर पास लोग शामिल है. इनलोगों के पास से पुलिस ने एक लाख नगद, लैपटॉप और 6 मोबाइल फोन बरामद किया है. गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस इन सभी को अपने साथ ले गई है.
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के मुताबिक उन्हें इस मामले में मुंबई पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन मुंबई पुलिस ऑपरेशन कर यहां से चलती बनी है. जुलाई 2018 से यह पूरा गिरोह फर्जीवाड़े में लगा हुआ था. पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी दिलाने के नाम पर कई लोगों से यह ऑनलाइन आवेदन कराते थे और फर्जी वेबसाइट के जरिए उनसे पेमेंट लिया जाता था. मुंबई पुलिस यह मान कर चल रही है कि इस पूरे गिरोह का नेटवर्क देश भर में फैला हुआ है.