PATNA: बिहार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के फैसले को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सही बताया है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के बाद लगातार विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा था. जिसके बाद जीपीसीके में सरकार के इस फैसले को जायज ठहराते हुए कहा है कि बिहार के अलावा अन्य राज्यों ने भी पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि की है. झारखंड जैसे पड़ोसी राज्य में पेट्रोल डीजल की कीमतें ढाई रुपए बढ़ाई गई हैं.
दिल्ली में डीजल की कीमत में 7.10 रु., पंजाब में 2.05 रु., तमिलनाडु में पेट्रोल की कीमत में 3.25 रु., ओडिशा में 3.11 रु. और असम में पेट्रोल की कीमत में 5.85 रु. और डीजल में 5.43 रु. की वृद्धि की है जबकि बिहार में पेट्रोल व डीजल में यह वृद्धि मात्र 2 रु.की है. बिहार में प्रति माह पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से जहां औसतन 500 करोड़ रु.का राजस्व संग्रह होता था, वहीं अप्रैल, 2020 में वह घट कर 284 करोड़ रहा गया जो पिछले साल के अप्रैल से 43 फीसदी कम है.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में होली के बाद से ही जारी आंशिक और 25 मार्च से पूर्ण लाॅकडाउन के कारण बिहार में पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री में 53.14 और डीजल में 46.72 प्रतिशत और मार्च में पेट्रोल में 17 और डीजल में 26 फीसदी की कमी आई. पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व में पिछले दो माह (मार्च-अप्रैल,2020) में 316 करोड़ के नुकसान के मद्देनजर पेट्रोल-डीजल की प्रति ली. बिक्री पर देय कर के रूप में प्रतिशत के साथ एक निश्चित राशि का निर्धारण किया जा सकता है ताकि मूल्यों में गिरावट से राजस्व की क्षति नहीं हो.