PATNA: नारायणपुर-मनहारी पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर पटना हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। NHAI को ज्यादा विस्तृतपूरक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए।
हलफनामा में याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा है कि कार्बन के उत्सर्जन को कैसे कम किया जा सकता है। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने उक्त आदेश को पारित किया। कोर्ट ने पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने अर्थात एक स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पर लगाने की अनुमति पूर्व में ही दी गयी थी। इस बीच नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने दायर जवाबी हलफनामा में कहा था कि पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है।
NHAI ने जवाबी हलफनामा दायर करते हुए कहा कि पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई की जा रही है। यह भी बताया गया था कि पेड़ों को गिराने व ट्रांसलोकेट करने की कार्रवाई 3 फरवरी, 2021 और 23 फरवरी, 2021 को जिला वन अधिकारी द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में किया जा रहा है। कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि 8340 पेड़ों को गिराया गया था और 2045 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि 90 सेंटीमीटर से अधिक घेरा वाले पेड़ों को गिराया जा रहा है और इससे नीचे के घेरा वाले पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता शाश्वत ने पूर्व में ही कोर्ट को बताया था कि विकास व निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई 2019 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा भी कार्यालय आदेश भी जारी किया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट, क्लियरेंस सर्टिफिकेट योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी आग्रह किया है।
साथ ही याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ो की कटाई से आसपास के पशु- पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने हेतु आदेश देने का आग्रह भी किया है। याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशो का भी जिक्र किया गया है। अब इस माामले पर अगली सुनवाई 22 फरवरी 2022 को होगी।