DESK: 500 साल पहले मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी की मौत के बाद उसकी याद में ताजमहल बनवाया था। लेकिन मध्यप्रदेश के एक कारोबारी ने अपनी पत्नी को गिफ्ट देने के लिए ताजमहल बनवाया है। अपनी पत्नी के लिए उन्होंने हू-बहू ताजमहल की तर्ज पर आलीशान घर बनवाया है। हालांकि ये मकबरा नहीं है बल्कि पति-पत्नी के प्यार का आशियाना है।
मध्यप्रदेश का ताज
ये ताजमहल जिसका हम जिक्र कर रहे हैं वह मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में बनाया गया है। वहां के व्यापारी औऱ स्कूल के संचालक आनंद प्रकाश चौकसे ने अपनी पत्नी मंजूषा को गिफ्ट देने के लिए बिल्कुल ताजमहल जैसा घर बनवाया है। हालांकि शाहजहां को ताजमहल बनवाने में 22 साल लगे थे लेकिन आनंद प्रकाश चौकसे ने आधुनिक तकनीक के सहारे 3 साल में अपने ताज को तैयार कराया है।
बाहर से ताजमहल की तरह दिखने वाला ये घऱ अदंर से काफी आलीशान रिहायशी मकान है। इसमें चार बड़े बेडरूम के साथ हर आधुनिक सुविधायें मौजूद हैं. दो मंडिल वाले इस घर में एक बड़ा हॉल है. ग्राउंड फ्लोर पर 2 बेडरूम हैं तो पहले मंजिल पर 2 और बेडरूम . बड़ा किचन, पूजा के लिए बडा कमरा और लाइब्रेरी के साथ दूसरी सारी सुविधायं मौजूद हैं। घर इतना खूबसूरत है कि उसे मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत मकान का खिताब दिया जा चुका है।
मध्यप्रदेश का ताजमहल बनवाने वाले आनंद प्रकाश चौकसे इसके पीछे की कहानी भी सुनाते हैं. उनके मुताबिक मुगल शासक शाहजहां की बेगम मुमताज की मौत अपने 14वें प्रसव के दौरान बुरहानपुर के ही एक महल में हुई थी. शाहजहां ने अपनी पत्नी का शव बुरहानपुर के आहुखाना में ही 6 महीने तक सुरक्षित रखा गया था. चौकसे बताते हैं कि उस वक्त शाहजहां बुरहानपुर के पास ताप्ती नदी के किनारे ताजमहल बनवाना चाहते थे. लेकिन फिर उन्होंने ताजमहल बनाने के लिए आगरा को चुना।
आनंद प्रकाश चौकसे के मुताबिक उनके मन में बार बार ये बात आती थी कि बुरहानपुर में ताजमहल क्यों नहीं बन सका. उन्होंने सोंचा कि वे अलग कुछ करेंगे. लिहाजा उन्होंने तय किया कि वे अपनी पत्नी के लिए ताजमहल बनवायेंगे. बुरहानपुर में ताजमहल जैसा बनाने में काफी परेशानियां आयीं लेकिन आनंद अपने फैसले से नहीं डिगे. लिहाजा उन्होंने पत्नी के लिए ताजमहल बनाकर ही दम लिया।
इंजीनियरों ने रोका लेकिन नहीं माने
आनंद प्रकाश चौकसे के ताजमहल जैसा घर बनाने वाले इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने बताया उनके सपने को पूरा करने के लिए काफी मेहनत करनी पडी. ये काफी कठिन काम था. सबसे पहले आनंद प्रकाश चौकसे अपनी पत्नी के साथ आगरा जाकर ताजमहल देख आये. फिर अपने इंजीनियर को आगरा भेजा औऱ कहा कि वे ताजमहल देख कर आयें. इस बीच आनंद प्रकाश चौकसे महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के दौलताबाद में ताजमहल की तर्ज पर बने मकबरा को देख आये. लेकिन उन्हें आगरा के ताजमहल जैसा घर बनवाना ही मंजूर था।
उधर आनंद प्रकाश चौकसे ने जब इंजीनियरों को ताजमहल जैसा घर बनाने को कहा तो इंजीनयिरों ने उन्हें बताया कि ताजमहल इस्लामी पद्धति से बना मकबरा है. वैसा रिहायशी घर बनाना सही नहीं होगा लेकिन चौकसे नही माने. उन्होंने ताजमहल की तरह 80 फीट ऊंचा यूनिक घर बनाने के लिए कहा. लेकिन सरकार ने 80 फीट ऊंचा घऱ बनाने की मंजूरी नहीं दी. लिहाजा कम ऊंचाई का लेकिन ताजमहल जैसा ही घर बनाने का जिम्मा इंजीनियरों को दिया गया।
ऐसा है बुरहानपुर का ताजमहल
आनंद प्रकाश चौकसे के लिए ताजमहल बनाने वाले इंजीनियर पूरी कहानी बताते हैं. उनके मुताबिक सबसे पहले इंटरनेट के जरिए आगरा के ताजमहल की 3डी इमेज निकाली. फिर बुरहानपुर में इसे बनाने के लिए वैसा नक्शा तैयार किया गया. असली ताजमहल की तुलना में यह घर एक तिहाई एरिया में फैला है. इस घर का क्षेत्रफल मीनार लगभग 8100 वर्ग फीट का है. पूरा मकान 90 फीट चौड़ा और उतना ही लंबा है. हालांकि मकान का बेसिक स्ट्रक्चर 60 बाय 60 का है. मकान के उपर गुंबद बनायी गयी है जिसकी ऊंचाई 29 फीट है. पूरा घर 3 साल में बनकर तैयार हुआ।