पत्नी अस्पताल में भर्ती, सदमे में माता-पिता... बालू माफिया के हमले में जान गंवाने वाले दारोगा प्रभात की दर्दभरी कहानी

पत्नी अस्पताल में भर्ती, सदमे में माता-पिता... बालू माफिया के हमले में जान गंवाने वाले दारोगा प्रभात की दर्दभरी कहानी

HAJIPUR: जमुई में बालू माफिया के हमले में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर प्रभात रंजन के घर पर कोहराम मचा हुआ है। वैशाली जिले के पातेपुर स्थित खजूरी गांव में प्रभात रंजन के घर और गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। घटना के वक्त दारोगा के माता पिता पत्नी और दोनों बच्चे दिल्ली में थे। पत्नी दिल्ली में अस्पताल में एडमिट थी। घटना की जानकारी मिलते ही सभी वहां से घर के लिए निकल चुके हैं। 


घर पर उनके चाचा और घर की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। परिजनों में इस घटना को लेकर आक्रोश है वहीं दिवंगत सब इंस्पेक्टर के बड़े चाचा ने सरकार से बिहार में उत्तर प्रदेश जैसे कानून व्यवस्था लागू करने की मांग की है। शहीद दरोगा के चाचा ने बताया कि प्रभात ने पातेपुर हाई स्कूल से मैट्रिक किया था। जिसके बाद स्नातक तक की पढ़ाई उन्होंने समस्तीपुर से की थी। जिसके बाद प्रभात ने रेलवे में भी नौकरी की। कटिहार में पदस्थापित थे लेकिन 2019 में बिहार पुलिस जॉइन कर लिया। 


उन्होंने बताया की प्रभात के बड़े भाई मधुकांत को किडनी की समस्या से जुझ रहे हैं एक बार किडनी ट्रांसप्लांट भी हो चुका है और दूसरी बार ट्रांसप्लांट करवाना था। जिसके लिए 15 लाख रुपये की जरूरत थी। चाचा ने बताया कि पूरे घर की जिम्मेवारी प्रभात के कंधों पर ही थी और वह पूरे परिवार को साथ लेकर चलता था। प्रभात की शादी 2018 में पातेपुर के टेक्नारी में ही हुई थी। 


एक बड़ी बेटी है और एक चार माह का बेटा भी है। वहीं प्रभात के पिता शिवनारायण साह भी बीमारी से ग्रसित है। इस घटना से घर की महिलाओ का भी हाल बेहाल है। जिसके कारण प्रभात की बड़ी चाची नीला का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं इस घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है। प्रभात रंजन की भतीजी अंकिता राज से लेकर भाभी सुषमा कुमारी तक ने सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि फिर से ऐसी घटना किसी अन्य पुलिस पदाधिकारी के साथ ना घटे।