PATNA : बीते साल पटना में आई जल तबाही के मामले पर आज बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में आरजेडी के विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक सवाल के जरिए पटना में मची तबाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की बाबत सरकार से जानकारी चाहिए.
जवाब में सरकार ने की गई कार्यवाही का ब्यौरा दिया लेकिन आरजेडी के विधायक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और पटना के तत्कालीन कमिश्नर आनंद किशोर के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की. आनंद किशोर के ऊपर कोई एक्शन नहीं लेने से नाराज विपक्षी सदस्य विधानसभा में हंगामा करते रहे.
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार पर आरोप लगाया कि पटना के तत्कालीन कमिश्नर आनंद किशोर को बचाने के लिए सरकार ने छोटे अधिकारियों पर गाज गिरा दी. नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश शर्मा को जवाब नहीं सूझा तो बचाव में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी उठ खड़े हुए. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना डूबने के लिए आनंद किशोर जिम्मेदार नहीं थे. आनंद किशोर का बचाव करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि वह केवल पटना के कमिश्नर थे, ऐसे में उनकी जवाबदेही तय नहीं की जा सकती.
विपक्ष के आरोपों से सत्ता पक्ष की तिल-मिलाहट सदन में देखते बन रही थी. आईएएस अधिकारी आनंद किशोर के बचाव में बिहार सरकार के बड़े मंत्री उठ खड़े हुए. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने भी विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया, लेकिन आरजेडी विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी लगातार सरकार से यह मांग करते रहे कि पटना में सीवरेज की सफाई के नाम पर जो फर्जी निकासी की गई उस मामले में विभागीय सरकार ने कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई. मंत्री सुरेश शर्मा ने इतना जरूर कहा कि विभागीय कार्रवाई के बाद अब सरकार इस मामले में एफआइआर भी दर्ज कराएगी. वहीं सिद्दीकी ने जांच कमेटी बनाए जाने की मांग की.