PATNA : पटना में धोखाधड़ी और साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही है. ताजा घटना पटना के मनेर का है जहां चिटफंड कंपनी के माध्यम से करोड़ों की ठगी कर लिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यह कम्पनी भोली भाली महिलाओं को झांसा देकर बेटियों की शादी में सहयोग करने के नाम पर करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया.
ठगी की शिकार महिलाएं और कंपनी के सभी एजेंट जब चिटफंड कंपनी के संचालक के आवास पर पहुंची तब संचालक के परिवार वालों ने जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें भगा दिया. सोमवार की देर रात काफी संख्या में महिलाएं इस मामले को लेकर मनेर थाना पहुंच गई और हंगामा करना शुरू कर दिया. मिली शिकायत के अनुसार शेरपुर के एक शख्स द्वारा ह्यूमन लोक सेवा समिति नमक चिटफंड कंपनी बनाकर पटना के पालीगंज, नौबतपुर बिहटा के अलावा अरवल जिले के मेहंदीया ,कुर्था के साथ साथ रोहतास, जहानाबाद, गया आरा के और झारखंड के भी कई जिलों में कार्यालय खोले गए हैं.
यह चिटफंड कंपनी अपनी महिला एजेंट के माध्यम से यह कहकर 1100 रुपये जमा करवाती थी कि बेटी जब 18 साल की हो जाएगी तो शादी में 50,000 रुपये की सामग्री कंपनी की तरफ से दी जाएगी. सालों से लोगों ने पैसे जमा भी करवाया था. जब कुछ लोगों की बेटी शादी की उम्र के लायक हो गई तब शादी के लिए उन्हें पैसों की जरूरत पड़ी. मुख्य कार्यालय से जुड़े एजेंटों से इन लोगों ने संपर्क साधा और शादी के लिए 50 हजार रुपए की सामग्री की मांग की लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं.
इसके अलावा विभिन्न शाखाओं में काम करने वाले एजेंटों का भुगतान भी चिटफंड कंपनी ने बंद कर दिया था. इसके बाद सभी महिला एजेंट और महिलाओं के संचालक के घर पर दबिश दी लेकिन उनके साथ दुर्व्यवहार कर भगा दिया गया. इस चिटफंड कंपनी में काम करने वाली महिला एजेंटों ने बताया कि उन्होंने अपना सब कुछ दाव पर लगाकर 98 लोगों से पैसे इकट्ठे कर चिटफंड कंपनी में जमा करवाया लेकिन अब लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं. और पैसे की मांग कर रहे हैं.
पालीगंज की मंजूषा कुमारी का दावा है कि उसने चिटफंड कंपनी में 75 लाख जमा करवाए हैं जबकि अरवल कि श्वेता कुमारी ने 90 लाख, जहानाबाद की किरण कुमारी ने 40 लाख ,श्रद्धा शबनम ने 35 लाख रुपए जमा करवाए हैं. महिलाओं ने बताया कि उपेंद्र इन सभी पैसों को कार्टन में रखकर पटना लेकर चला जाता था. इन महिला एजेंटों को 3000 से 5000 महीना चिटफंड कंपनी की तरफ से दिया जाता था और एक 1100 की वसूली पर भी अलग से 50 रुपये बोनस के तौर पर दिए जाते थे.