PATNA: शिक्षकों से जुड़े मुद्दे को लेकर पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 13 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया था। विधानसभा मार्च के दौरान उन पर लाठीचार्ज किया गया था। इस दौरान भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया था। सिग्रीवाल समेत बीजेपी नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में लोकसभा विशेषाधिकार हनन समिति ने पटना के 7 अधिकारियों को 21 सितंबर यानि आज गुरुवार को दिल्ली तलब किया था।
गुरुवार को 3 बजे ही पेशी होनी थी लेकिन इससे पहले इन सभी को बड़ी राहत मिली। डीजीपी और पटना डीएम समेत 7 अधिकारियों को तत्काल पेशी से राहत मिल गयी है। इन अधिकारियों ने पत्र भेजकर तत्काल व्यक्तिगत उपस्थिति को रोके जाने की मांग की थी जिसे लोकसभा सचिवालय ने मान ली। हालांकि यह कहा गया है कि भविष्य में कभी भी इन्हें बुलाया जा सकता है।
बता दें कि बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज मामले में लोकसभा विशेषाधिकार हनन समिति ने 21 सितंबर को पटना के 7 अधिकारियों को मौखिक साक्ष्य उपलब्ध कराने को लेकर बुलाया था। जिन अधिकारियों को दिल्ली तलब किया गया था उनमें पुलिस महानिदेशक आर.एस. भट्टी, जिला मजिस्ट्रेट, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, एस.ओ. पटना सिटी- वैभव शर्मा, ए.एस.पी. पटना- काम्या मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, पटना; औरपटना सेंट्रल सदर के अनुमंडल पदाधिकारी खांडेकर श्रीकांत कुंडलिक का नाम शामिल था। इन सभी को आज बड़ी राहत मिली है।
गौरतलब है कि 13 जुलाई को बिहार के शिक्षकों के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पटना के गांधी मैदान से निकाले गए जुलूस पर डाक बंगला चौराहे पर किये गये लाठी चार्ज में भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिविल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने लोकसभा लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष विशेषाधिकार समिति से प्रोटोकॉल मानदंडो के उल्लंघन की शिकायत की थी। जिसके आलोक में विशेषाधिकार समिति ने लाठी चार्ज की घटना से संबंधित अधिकारियों को 21 सितंबर को 3:00 बजे विशेषाधिकार समिति के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस जारी किया था।