ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

पटना में बैंककर्मी की मौत के बाद हॉस्पिटल ने थमाया 26 लाख का बिल, परिजनों ने लगाया जबरन वसूली और लाश रोकने का आरोप

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Feb 2023 01:24:06 PM IST

पटना में बैंककर्मी की मौत के बाद हॉस्पिटल ने थमाया 26 लाख का बिल, परिजनों ने लगाया जबरन वसूली और लाश रोकने का आरोप

- फ़ोटो

PATNA: पटना में एक हॉस्पिटल की लापरवाही सामने आई है. पटना के कंकड़बाग स्थित जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट एक मरीज की मौत हो गयी. इसके बाद हॉस्पिटल ने परिजन को करीब 26 लाख रुपये का बिल थमा दिया. इससे परिजन आक्रोशित हो उठे. उन्होंने हॉस्पिटल पर इलाज में लापरवाही और अधिक बिल वसूलने का आरोप लगाते हुए देर तक हंगामा किया. परिजनों का कहना है कि बिल का भुगतान नहीं करने पर हॉस्पिटल प्रबंधक ने शव को कब्जे में रखने की बात कही. इस बात को लेकर जब परिजनों ने स्थानीय पुलिस को फोन किया, लेकिन हॉस्पिटल के नाम बताने के बाद पुलिस भी नहीं पहुंची.


जानकारी के अनुसार नवादा जिले के रहने वाले 31 साल विक्रम कुमार यूपी के सुल्तानपुर जिले में ग्रामीण बैंक में कैशियर थे. मृतक के चचेरे भाई महेश कुमार ने बताया कि पेट में दर्द होने के बाद उनको यहां लाया गया. जिसके बाद उन्हें इलाज के  लिए 13 जनवरी को मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. लेकिन एक महीने एडमिट होने के बाद भी बुधवार की सुबह मौत हो गई. और मौत के बाद 26 लाख का बिल थमा दिया गया और शव को कब्जे में रखा.


इस घटना को लेकर मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ रविशंकर सिंह का कहना है कि परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं. वे पूरी तरह से गलत हैं. मरीज को गंभीर हालत में हॉस्पिटल लाया गया था. उन्होंने ने बताया कि परिजनों ने इंश्योरेंस के नाम पर झूठ बोलकर मरीज को एडमिट कराया था. परिजनों ने मरीज को एडमिट कराने से पहले 20 लाख रुपये इंश्योरेंस होने की बात कही गयी थी. लेकिन इस इंश्योरेंस से मात्र दो लाख रुपये निकला.