पटना में अमीनों पर लाठीचार्ज : अपनी मांग को लेकर सम्राट चौधरी के घर के बाहर बैठे थे धरना पर

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Jun 2024 06:15:22 PM IST

पटना में अमीनों पर लाठीचार्ज : अपनी मांग को लेकर सम्राट चौधरी के घर के बाहर बैठे थे धरना पर

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PATNA : राजधानी पटना से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है। अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में अमीन डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के आवास का घेराव करने पहुंचे थे। उपमुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना पर बैठे अमीनों को पुलिस ने वहां से हटाने की कोशिश की। जब वे वहां से हटने को तैयार नहीं हुए तब पुलिस ने जबरन घसीटकर अमीनों को वहां से हटायाऔर इसके लिए लाठीचार्ज भी की गई। अमीनो को पुलिस ने खदेड़कर वहां से भगा दिया। इस दौरान सम्राट चौधरी के घर के पास अफरा-तफरी मच गयी। 


बता दें कि प्रदर्शनकारी अमीन के पद पर 4 साल पहले बहाल हुए थे। इन्हें सरकार ने संविदा पर बहाल किया था। लेकिन अब इन अमीनों को सरकार ने पदमुक्त कर दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विगत 13 जून को सभी जिले के डीएम को पत्र जारी कर कहा कि इन अमीनों से अब सेवा नहीं ली जाय। नीतीश सरकार के इस फैसले के खिलाफ अमीन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के घर के बाहर सभी धरना पर बैठ गये और विरोध प्रदर्शन करने लगे। 


इससे पहले भू-राजस्व एवं निबंधन कार्यालय के बाहर भी इन्होंने प्रदर्शन किया। फिर पटना की सड़कों पर उतरकर नग-धड़ंग प्रदर्शन किया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास का घेराव भी किया गया और धरना दिया गया। पुलिस ने अमीनों को यहां से जाने को कहा लेकिन वे धरना से उठने को तैयार नहीं थे। तब पुलिस बल ने घसीटकर अमीनो को वहां से भगाना शुरू किया। इस दौरान सभी को वहां से खदेड़ दिया गया और लाठीचार्ज भी की गई। पुलिस की लाठीचार्ज से वहां अफरा-तफरी मच गयी। प्रदर्शनकारियों में महिला कर्मी भी शामिल थी।   


प्रदर्शनकारियों ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने वर्ष 2019 में कुल 6875 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था। वर्ष 2021 में अमीनों की बहाली हुई थी। 4 साल काम करने के बाद अब सरकार ने उनकी सेवा समाप्त करने का फैसला लिया है। सरकार के इसी फैसले के खिलाफ अमीन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सरकार के इस फैसले से अमीन काफी परेशान हैं। उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि अब उनके बाल-बच्चों की परवरिश कैसे होगी?