पटना के 22 घाटों को घोषित किया गया खतरनाक, छठ पूजा को लेकर प्रशासन ने किया अलर्ट

पटना के 22 घाटों को घोषित किया गया खतरनाक, छठ पूजा को लेकर प्रशासन ने किया अलर्ट

PATNA : दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी की जा रही है. कोरोना काल में आस्था के इस महापर्व को लेकर प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही है. बिहार सरकार की ओर से रविवार को छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है. वहीं दूसरी ओर पटना प्रशासन की ओर से भी खतरनाक और अनुपयोगी घाटों को चिंहित किया गया है.


पटना जिला प्रशासन के मुताबिक बुद्ध घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टी एन बनर्जी घाट ,जजेज घाट, वंशी घाट ,जहाज घाट, अंटा घाट, सिपाही घाट, बी एन कॉलेज घाट, बालू घाट,  खाजेकला घाट ,पत्थर घाट ,अदरक घाट, रिकाबगंज घाट, पीर मदड़िया घाट, नंदगोला घाट, नूरुउद्दीन घाट,बुंदेल टोली घाट, दमराही घाट, केशवराय घाट और बांस घाट को खतरनाक और अनुपयोगी घोषित किया गया है. इन खतरनाक घाटों को छठ पूजा के लिए पूर्णतः बंद किया गया है.


पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने जिलाधिकारी पटना कुमार रवि और नगर आयुक्त पटना नगर निगम के साथ मिलकर छठ व्रतियों के लिए गंगाजल के वितरण हेतु टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आपको बता दें कि सरकार की ओर से दिए गए दिशानिर्देश के मुताबिक अर्घ्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने का निर्देश दिया गया है. इतना ही नहीं जिला प्रशासन को भी कहा गया है कि 'छठ घाट पर इस तरीके से बैरेकेटिंग की जाए कि छठ व्रती डुबकी न लगा सकें.'


जिला प्रशासन के द्वारा छठ महापर्व के शुभ अवसर पर छठ व्रतियों की सुविधा के लिए उनके घर तक गंगाजल पहुंचाया जा रहा है. इस क्रम में नगर निगम के 75 वाहनों के माध्यम से आज श्रद्धा भक्ति और आस्था के महापर्व के व्रतियों के लिए गंगाजल का वितरण सुनिश्चित किया गया. बताया जा रहा है कि यह क्रम लगातार जारी रहेगा.



कोविड संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि छठव्रती यथासंभव अपने अपने घर में ही छठ पूजा करें.  कोरोना संक्रमण के इस दौर में छठ घाटों पर भीड़ भाड़ ना लगाए.



इस साल 18 नवंबर से छठ पूजा की शुरुआत होने जा रही है. 18 नवंबर को नहाय खाय, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या यानी कि पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को उषा यानि कि दूसरा अर्घ्‍य के साथ पूजा का समापन होगा. लेकिन कोरोना काल में छठ व्रतियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन के मुताबिक अगर तालाब किनारे पूजा करने जाते हैं, तो अर्घ्य के दौरान उसमें डुबकी नहीं लगाने का आग्रह किया है.