PATNA : पटना नगर निगम में खींचतान की शुरुआत एक बार फिर से होती दिख रही है। कोरोना का संक्रमण कम होने और मानसून के पहले पटना नगर निगम का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। नगर निगम के पार्षदों का कार्यकाल अगले साल जून में पूरा हो रहा है। फिलहाल चुनाव होने में आठ से नौ महीना का वक़्त है। लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक उठापटक की कोशिशें तेज हो गई हैं।
पटना नगर निगम की मौजूदा डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। मीरा देवी वार्ड 72 की पार्षद हैं, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में मेयर गुट लग गया है। अगले महीने 20 जुलाई को डिप्टी मेयर के कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं। बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 (4) के तहत उप महापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है। इसके तहत पद ग्रहण करने के दो साल पूरा होने के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कुल पार्षदों का एक तिहाई पार्षदों का हस्ताक्षर होना जरूरी है। मेयर गुट के पार्षदों का दावा है कि 50 से अधिक पार्षद डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर हस्ताक्षर करेंगे। मेयर गुट का दावा है कि डिप्टी मेयर गुट के पार्षद भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के समर्थन में हैं। वहीं इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डिप्टी मेयर मीरा देवी कहना है कि कुछ लोग भ्रम में रहते हैं। विकास के बजाय राजनीति करते हैं। वह इससे डरने वाले नहीं हैं। डिप्टी मेयर को पार्षदों ने ही चुना है और उन्हें रखना है या हटाना इसका फैसला पार्षदों को करना है।
मौजूदा पटना नगर निगम के कार्यकाल में अभी तक डिप्टी मेयर पद के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इससे पहले वर्ष जून 2019 में तत्कालीन डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें विनय कुमार पप्पू को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी थी।