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1st Bihar Published by: Updated Wed, 24 Jun 2020 07:29:11 PM IST
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PATNA : नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NSMCH) में रीढ़ की हड्डी का जटिल ऑपरेशन किया गया। छह घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद मरीज के स्वास्थ्य में अब तेजी से सुधार हो रहा है। कई जटिल ऑपरेशन कर NSMCH ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक अलग मकाम हासिल कर लिया है।
बिहटा के कंचनपुर निवासी विजेंद्र कुमार (25 वर्ष) की ऊंचाई से गिरने की वजह से 17 जून को रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसकी वजह से उसके शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर दिया था। घरवालों ने उसे पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां उसका इलाज नहीं हो सका तो उसे एनएसएमसीएच रेफर कर दिया गया। जहां लूंबर स्पाइन(रीढ़ की हड्डी का एक भाग) का जटिल ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन के साथ दिक्कत यह थी कि फ्रैक्चर की वजह से नस भी दब गया था। एनएसएमसीएच के डॉक्टरों ने इस चुनौती को लेते हुए 'स्पाइन डिकंप्रेशन' ऑपरेशन किया। अब मरीज स्वस्थ्य है और उसमें लगातार सुधार हो रहा है। इस ऑपरेशन में छह अनुभवी हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगी और ऑपरेशन छह घंटा तक चला।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व सर्जन डॉ. सौरव कुमार और डॉ. अनीस कुमार कर रहे थे। एनएसएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में जय प्रकाश अस्पताल(राजवंशीनगर) के निदेशक डॉ. एचएन दिवाकर और रीढ़ की हड्डी रोग के सर्जन डॉ. सौरव चौधरी शामिल हुए। जटिल ऑपरेशन पर एनएसएमसीएच के प्रबंध निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह ने डॉक्टरों को बधाई दी।
गौरतलब है कि एनएसएमसीएच में पहले भी इस तरह के कई जटिल ऑपरेशन हो चुके हैं। अभी हाल में सुशीला देवी नाम की एक महिला के कुल्हे का रिप्लेसमेंट अस्पताल किया गया। इस तरह यहां आंशिक कूल्हा का रिप्लेसमेंट, घुटने का पूरी तरह से रिप्लेसमेंट, कंधा, कोहनी आदि का ऑपरेशन हो चुका है। यहां नेलिंग और प्लेटिंग तकनीक से ओपन और क्लोज्ड कई ऑपरेशन किए जा रहे हैं। एनएसएमसीएच एक मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल है, जहां प्रसूति रोग, शिशु रोग, ईएनटी, जेनरल सर्जरी, न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोसर्जरी, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, ऑप्थमलॉजी, डर्मटलॉजी सहित कई विभाग हैं। यहां आधुनिक तकनीक से इलाज किया जाता है। इन विभागों में अनुभवी डॉक्टर हैं।