PATNA : पटना के कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में बुधवार की रात से फिर से नया वाकया हो गया. मरीज के इलाज में लापरवाही से नाराज परिजनों ने एक नर्स को चप्पल से मारा. नाराज नर्सों ने काम का बहिष्कार कर दिया. इस मामले पर नर्स और घटना के प्रत्य़क्षदर्शियों का अलग-अलग बयान है. हालांकि वाकये के बाद मरीज और उसके परिजन अस्पताल से फरार हो गये.
ये वही NMCH है जहां दो पहले वार्ड में पड़े शव का वीडियो वायरल हुआ था. बुधवार की रात नया बखेड़ा खड़ा हो गया. नर्सों का कहना है कि अस्पताल की इमरजेंसी में बुधवार की रात बाढ़ से आए एक मरीज के परिजनों ने ऑन ड्यूटी नर्स को चप्पल से मारा. मरीज के परिजन इतने उत्तेजित थे कि नर्सों को बाथरूम में छिपकर अपनी जान बचानी पडी. घटना की खबर मिलने के बाद एनएमसीएच की सभी नर्सों ने कार्य बहिष्कार कर दिया.
नाराज नर्सों ने वार्ड में भर्ती मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया और अस्पताल के पेईंग वार्ड के पास इकट्ठा हो गयीं. उन्होंने हंगामा करते हुए काम नहीं करने का एलान कर दिया. नर्सों का कहना था कि उनकी जान खतरे में है लिहाजा वे काम नहीं कर सकती हैं. हंगामा कर रही नर्स अस्पताल के अधीक्षक समेत ब़ड़े अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रही थीं.
नर्सों और प्रत्यक्षदर्शियों का अलग-अलग आरोप
घटना के बाद विरोध जता रहीं नर्सों ने बताया कि पटना के बाढ़ से अस्पताल के इमरजेंसी में लाये गये मरीज और उसके परिजनों ने मास्क नहीं पहना था. ऑन ड्यूटी नर्स ने जब उन्हें मास्क पहनने के लिए कहा तो वह भड़क गए. इसके बाद उन्होंने नर्स पर हमला कर दिया. इसी दौरान मरीज के एक परिजन ने एक नर्स को चप्पल से मारा. नर्सों की नाराजगी के बाद मरीज और उसके परिजन फरार हो गये.
उधर घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने फर्स्ट बिहार को बताया कि विवाद की मूल वजह कुछ और है. बाढ़ से आये मरीज को इमरजेंसी वार्ड में बिना इलाज के छोड दिया गया था. वहां कोई डॉक्टर भी नहीं था और नर्स कुछ करने को तैयार नहीं थी. इससे नाराज होकर ही मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया.
उधर एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि नर्सों के साथ हुआ वाकया बेहद गलत है. उन्हें नर्सों के कार्य बहिष्कार किए जाने की खबर मिली है. मरीज और उसके परिजनों ने नर्स के साथ मारपीट और गलत व्यवहार किया है. यह बेहद दुखद घटना है और अस्तपाल प्रशासन सभी कर्मियों और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.