PATNA: मूर्ति विसर्जन के दौरान पटना के अशोक राजपथ पर बमबाजी हुई है. बमबाजी के बाद पथराव किया गया है. इस हमले में दारोगा और सिपाही समेत 10 से अधिक लोग घायल हो गए है. यह सब पुलिस के सामने हुआ, लेकिन पुलिस हर बार की तरह इस बार भी कुछ नहीं कर सकी. वह चुपचाप तमाशा देखती रही. हमले में घायल दारोगा और सिपाही को इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है.
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DSP के सामने हो रही थी बमबाजी और फायरिंग
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह सब डीएसपी और पुलिस के सामने हो रहा था. उपद्रवी 15-20 बम फेंके और 50 से अधिक फायरिंग की आवाज आई, लेकिन पुलिस मुकदर्शक बनी रही. जब सबकुछ हो गया तो पुलिस एक्टिव हुई.
हॉस्टल में छापेमारी
घटना के बाद एसएसपी के नेतृत्व में मिंटो समेत कई हॉस्टलों में पुलिस छापेमारी कर रही है. इस इलाके की बिजली काट दी गई है. लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है. बता दें कि पहले से सूचना पुलिस को थी कि इस बार भी यहां पर बवाल हो सकता है. फिर भी पटना पुलिस सतर्क नहीं हुई.
सड़कों पर पुलिस तैनात
घटना के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है. भारी संख्या में सुरक्षाबलों को सड़क पर तैनात कर दिया है. हंगामा करने वाले उपद्रवियों ने दो कारों को आगे के हवाला कर दिया है. यह दोनों कार सड़क किनारे खड़ी थी.
गाने को लेकर हुआ विवाद
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि मूर्ति विसर्जन के दौरान एक विवादित गाना बजाया जा रहा था. इस दौरान स्थानीय लोग और छात्रों के बीच बवाल हो गया और बमबाजी हुई. पटना के एसएसपी समेत कई थानों की पुलिस पहुंची हुई है. लेकिन तनाव का माहौल बना हुआ है.
एनआरसी के नाम पर हुआ था तांडव,लेकिन भूल गई पुलिस
15 दिसंबर 2019 को भी एनआरसी के विरोध के नाम पर जमकर पटना में उपद्रव हुआ था. कारगिल चौक से लेकर पीएमसीएच तक हजारों उपद्रवियों ने सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. कई पुलिस चेक पोस्ट को आगे के हवाले कर दिया था, लेकिन इस घटना के बाद भी पटना पुलिस सबक नहीं ली और ना ही सतर्क रही. अगर पुलिस सतर्क रहती तो आज ये घटना नहीं होती.