MLA Oath Ceremony : कौन होता है प्रोटेम स्पीकर? नए विधायकों को शपथ दिलवाने की जिम्मेदारी क्यों दी जाती है; बिहार विधानसभा सत्र से पहले आप भी जान लें इस सवाल का जवाब Bihar encounter : बिहार में सम्राट का एक्शन शुरू ! सुबह -सुबह इस जगह हुआ एनकाउंटर, कुख्यात अपराधी को पुलिस ने मारी गोली Bihar Assembly Winter Session 2025 : बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ-ग्रहण और डिजिटल सदन की शुरुआत बिहार में जनवरी से बदल सकता है जमीन का सर्किल रेट, पटना में तीन गुना तक महंगी होगी रजिस्ट्री Bihar weather update : बिहार में बढ़ेगी ठंड: दिसंबर के पहले सप्ताह से तापमान में गिरावट, कई जिलों में छाया कोहरा Bihar News: तेज रफ्तार बोलेरो और बाइक की जोरदार टक्कर, हादसे में एक की मौत; दूसरा युवक घायल Bihar News: तेज रफ्तार बोलेरो और बाइक की जोरदार टक्कर, हादसे में एक की मौत; दूसरा युवक घायल Bihar News: बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर, इतने पदों पर होगी स्पोर्ट्स ट्रेनर की भर्ती; जान लीजिए लास्ट डेट Bihar News: बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर, इतने पदों पर होगी स्पोर्ट्स ट्रेनर की भर्ती; जान लीजिए लास्ट डेट Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में कफ सिरप और विदेशी शराब की बड़ी खेप जब्त, नशे के तीन सौदागर अरेस्ट
1st Bihar Published by: Updated Tue, 24 Sep 2019 07:33:18 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : सूबे में पूरी तरह से शराबबंदी है, इसके बावजूद आए दिन शराब पीते किसी न किसी की तस्वीर वायरल होते रहती है. हद तो तब हो गई जब बक्सर पुलिस ने व्हाट्सअप पर शराब पीने की तस्वीर देखकर 4 लोगों को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज दिया. सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई शैली पर सवाल खड़ा करते हुए नाराजगी जताई है. पटना हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि पुलिस का यह कारनामा प्रथम दृष्या शराबबंदी कानून का दुरुपयोग लगता है. क्यों न दोनों पर हर्जाना लगाया जाए ?
न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने मनोज कुमार सिंह व विनय कुमार की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए बक्सर के मुफसिल थानाध्यक्ष और अनुसंधान पदाधिकारी को नोटिस जारी करते हुए निजी तौर पर अपना-अपना जबाब देने का आदेश दिया. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार हुए लोगों के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर भी रोक लगाने का आदेश दिया.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता परिजात सौरभ ने बताया कि व्हाट्सएप पर भेजे गये फ़ोटो के आधार पर पुलिस ने आवेदकों को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने यह भी पता नहीं किया की वायरल फोटो कब की है और कहां ली गई है. यहां तक कि आवेदक ने शराब पिया था या नहीं इस बारे में पुलिस ने मेडिकल तक नहीं कराई. पुलिस की बिना सोची समझे मुकदमें करने से 4 लोगों को 7 दिन जेल में रहना पड़ा. दलील दी गई कि राज्य में शराबबंदी के नाम पर पुलिस लोगों को बेवजह किसी विशेष उद्देश्य से परेशान कर रही है.