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17-Jul-2019 11:55 AM
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DESK : पुलिस का काम अब भले लोगों को परेशान करना रह गया है...उन्हें नियम कानून से कोई लेना देना नहीं है और अधिकारियों ने कानून की किताबें पढ़ना बंद कर दिया है...ये चोर- डकैत को पकड़ ही नहीं पाते हैं जबकि जो सही काम करते हैं उसे भी उलझा देते हैं...बिहार पुलिस पर यह शख्त टिप्पणी पटना हाईकोर्ट ने की है. क्या था मामला दरअसल पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को एक मामला पहुंचा. मामला यह था कि फुलवारी शरीफ के मुकेश कुमार ने लाइसेंसिंग अधिकारी के यहां एक आवेदन दे कर आग्रह किया था कि उनके पिता अखिलेश्वर प्रसाद वृद्ध हो चुके हैं और दो-नाली बंदूक संभालने में असमर्थ हो गए हैं, इसीलिए उनके नाम पर जारी आम्र्स लाइसेंस को मेरे नाम पर कर दिया जाए. लाइसेंसिंग अधिकारी ने थाने से आवेदक के चरित्र के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में एएसआई दीपलाल पासवान ने प्रार्थी ने लिखा कि स्थानीय लोगों से पता किया तो पता चला कि आवेदक गर्म मिजाज के हैं. इसके बाद मुकेश को बंदूक का लाइसेंस नहीं दिया गया. जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. इसपर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने दो पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में हाजिर कर उनसे 24 घंटे के अंदर बताने को कहा कि इस गैरकानूनी कार्रवाई के लिए उन पर कितना जुर्माना लगाया जाए.