तड़पते मरीजों पर कुछ तो रहम कीजिये नीतीश जी: हाईकोर्ट में फिर खुली पोल, केंद्र से मिल रहे ऑक्सीजन का उठाव नहीं कर रही बिहार सरकार

तड़पते मरीजों पर कुछ तो रहम कीजिये नीतीश जी: हाईकोर्ट में फिर खुली पोल, केंद्र से मिल रहे ऑक्सीजन का उठाव नहीं कर रही बिहार सरकार

PATNA : कोरोना को लेकर पूरे बिहार में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच एक बार फिर बिहार सरकार की कलई खुल गयी. बिहार सरकार केंद्र से फिलहाल मिल रहे ऑक्सीजन का भी पूरा उठाव नहीं कर पा रही है. कोर्ट में आज बिहार सरकार ने कहा कि उसे केंद्र से और ऑक्सीजन की जरूरत है. कोर्ट ने कहा जितना ऑक्सीजन मिल रहा है उसका ही पूरा उठाव नहीं हो रहा है.


बिहार सरकार ने कहा- हमें और ऑक्सीजन चाहिये
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ बिहार में कोरोना को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही है. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस शिवाजी पांडेय की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य  की ओर से दायर जनहित मामलों पर शुक्रवार को फिर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि सूबे में जिस रफ्तार से कोविड मरीजों की तादाद बढ़ रही है उस मुताबिक राज्य को हर रोज 300 एम टी ऑक्सीजन की ज़रूरत है. इसलिए बिहार को केंद्र से औऱ ऑक्सीजन चाहिये. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार ने बिहार के लिए जो कोटा निर्धारित किया है उसका तो पूरा बिहार सरकार नही कर पा रही है.


केंद्र सरकार देगी ऑक्सीजन टैंकर
कोर्ट ने कहा कि 300 एमटी तक ऑक्सीजन की आपूर्ति लेने से पहले ज्यादा जरूरी है पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन टैंकर का इंतजाम करना. बिहार सरकार  के पास इसका क्या इंतजाम है.  कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रख रहे एडीशनल सॉलिसिटर जेनेरल के एन सिंह ने बताया कि  केंद्र  सरकार बिहार को 7 ऑक्सीजन टैंकर जल्द उपलब्ध करा रही है जिसमें से दो टैंकर अगले 48 घण्टे में पहुंच जाएंगे. सात टैंकर मिलने के बाद राज्य सरकार रोजाना 300 एमटी ऑक्सीजन का उठाव कर सकेगी. 


कब शुरू होगा 18 से 45 वालों का वैक्सीनेशन
सूबे में कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकारी इन्तजाम की मॉनिटरिंग कर रही पटना हाई कोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार की सुनवाई में राज्य सरकार को दो महत्वपूर्ण निर्देश दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार को सोमवार तक यह बताने को कहा है कि राज्य के तमाम कोविड अस्पतालों को निर्बाध ऑक्सीजेंन आपूर्ति के अलावे घर मे इलाजरत कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर  उपलब्ध कराने के लिए सरकार के पास क्या प्लान है. खण्डपीठ ने मुख्य सचिव से सोमवार तक इस बाबत भी जवाब तलब किया है कि सूबे में 18 से 45 उम्र तक के लोगों को कब से कोविड का टीका लगना शुरू होगा. 


ज़ब्त हुए ऑक्सीजन सिलेंडर कोविड अस्पताल कैसे पहुँचेगे ?
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पटना एम्स के वकील विनय पांडे ने  कोर्ट से गुहार लगायी कि कालाबाजारियों से ज़ब्त हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों को पुलिस  से जल्दी छुड़ा कर कोविड अस्पतालों के हवाले करने के लिए एक स्पष्ट आदेश जारी किया जाए.  महामारी के इस दौर में पुलिस से जब्ती के सामान छुड़ाने के लिए निचली अदालतों में जाना अभी कारगर नहीं होगा. इसमें काफी समय खर्च होगा और ऑक्सीजन की हर सेकेंड ज़रूरत है. हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि ज़ब्त हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों को पुलिस से फौरन छुड़ाने के कोई कानूनी गाइडलाइन अगर सरकार के पास है तो उसे सोमवार तक कोर्ट में पेश करे. उंसके बाद हाई कोर्ट इसमें जरूरी निर्देश जारी करेगी.