PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण के हर दिन तकरीबन 400 नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में राज्य के अंदर कोरोना के खिलाफ बड़ी लड़ाई शुरू हो गई है। बिहार में पहली बार किसी मरीज का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया गया। पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी से ट्रीटमेंट की गई है। आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद पटना एम्स में 36 साल के एक कोरोना मरीज का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए किया गया। इस मरीज की स्थिति पहले से बेहतर है हालांकि उसे अभी भी आईसीयू में रखा गया है लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि जल्द ही उसे आईसीयू से बाहर लाया जाएगा।
पटना एम्स ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ नेहा सिंह ने जो जानकारी साझा की है उसके मुताबिक 4 डॉक्टरों की टीम ने बिहार में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए पहली बार किसी मरीज का इलाज किया है. इस टीम में डॉ सी एम सिंह, डॉक्टर नीरज अग्रवाल, डॉक्टर देवेंद्र और डॉक्टर नेहा सिंह खुद शामिल थी. एम्स के निदेशक डॉ पी के सिंह के मुताबिक आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक मरीज की प्लाजमा थेरेपी की गई है. आपको बता दें कि प्लाजमा थेरेपी के लिए हर मरीज का ट्रीटमेंट किए जाने से पहले आईसीएमआर की अनुमति लेनी पड़ती है. पटना एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज भी प्लाज्मा के जरिए करने की अनुमति आईसीएमआर से मांगी गई थी.
प्लाजमा डोनेशन के जरिए कोरोना के खिलाफ लगातार सफलता मिल रही है. पटना एम्स में अब तक केवल 6 लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है. पटना एम्स का कहना है कि जितने ज्यादा लोग इलाज के लिए प्लाज्मा डोनेट करेंगे कोरोना के गंभीर मरीजों को उतना फायदा पहुंचेगा. पटना एम्स में प्लाज्मा डोनेट को बढ़ावा देने के लिए लोगों को आर्थिक मदद देने का फैसला भी किया है.