PATNA : सोमवार को मानसून सत्र की शुरुआत के साथ कड़े तेवर दिखाने वाले मंत्री मुकेश सहनी के तेवर नरम पड़ गए हैं. मुकेश सहनी ने कल एनडीए से अपनी नाराजगी जताई थी. हालांकि उन्होंने कहा था कि वह एनडीए छोड़कर कहीं जाने वाले नहीं है. लेकिन इसके बाद उनकी पार्टी में जो कुछ हुआ उसे लेकर साहनी के तेवर अब नरम पड़ गए हैं.
वीआईपी के विधायक राजू कुमार सिंह ने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऊपर सवाल उठाया था. राजू सिंह ने कहा कि मुकेश सहनी ने एनडीए की मीटिंग में शामिल नहीं होने को लेकर विधायकों से कोई चर्चा नहीं की थी. उन्होंने नेतृत्व के फैसले पर सवाल भी खड़े किए थे.
अपनी पार्टी में नाराजगी के स्वर देखने के बाद मंत्री मुकेश सहनी के तेवर नरम पड़े हैं. मुकेश सहनी ने कहा है कि वह एनडीए से नाराज नहीं है. कुछ मसलों पर उन्हें एनडीए के सहयोगी दलों से बातचीत करनी है. बातचीत के बाद यह सब कुछ ठीक हो जाएगा.
मुकेश सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी के अंदर कोई विरोध नहीं है. सभी एकजुट हैं. विधायक राजू सिंह के बयान को लेकर सवाल पूछे जाने पर मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी में लोकतंत्र है और लोकतंत्र होने के कारण हर नेता अपनी बात रख सकता है.
गौरतलब हो कि एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बायकाट करने के बाद मंत्री मुकेश सहनी ने खरी खरी सुनाई थी. मुकेश सहनी के फैसले का उनकी ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया. वीआईपी के विधायक राजू कुमार सिंह ने मुकेश सहनी के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए. राजू कुमार सिंह का कहना है कि मुकेश सहनी ने एनडीए की बैठक में शामिल नहीं होकर गलत फैसला किया. इतना ही नहीं राजू कुमार सिंह ने यह भी कहा है कि पार्टी अध्यक्ष ने इस फैसले के पहले विधायकों के साथ कोई चर्चा भी नहीं की.
राजू सिंह ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में कहा कि यह फैसला मुकेश सहनी का व्यक्तिगत निर्णय था. इतना ही नहीं एक कदम आगे बढ़ते हुए राजू सिंह ने यहां तक कह डाला कि अगर मुकेश सहनी यह कहते हैं कि वह एनडीए में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि मैं खुद को वीआईपी में उपेक्षित महसूस कर रहा हूं.