ब्रेकिंग न्यूज़

Dollar vs Rupee: डॉलर के मुकाबले रुपया टूटा, ट्रंप के टैरिफ के बाद गिरावट BIHAR JOB : बिहार सरकारी नौकरी: लैब टेक्नीशियन के इतने पदों पर भर्ती, जानें योग्यता व आवेदन प्रक्रिया Bihar Tourism: बिहार के इस पर्यटन स्थल को मिलेगा नया लुक, खर्च किए जाएंगे ₹5 करोड़ Life Style: चिड़ियाघरों में फैला बर्ड फ्लू, क्या इंसानों को भी है खतरा? जानें... पूरी डिटेल Katihar News: बिहार में NH 31 पर हाइवा से ट्रैक्टर और बाइक की भिड़ंत, हादसे में युवक की मौत; दो लोग घायल बिहार में आसमानी आफत: ठनका गिरने से देवरानी-जेठानी समेत तीन महिलाओं की मौत, पांच झुलसीं बिहार में आसमानी आफत: ठनका गिरने से देवरानी-जेठानी समेत तीन महिलाओं की मौत, पांच झुलसीं Bihar News: विश्वास और विकास के 10 साल, समाज निर्माण की भी कहानी है पनोरमा ग्रुप Voter Adhikar Yatra: राहुल -तेजस्वी पहुंचे गांधी मैदान, पटना में विपक्ष की ताकत का प्रदर्शन; वोटर अधिकार यात्रा का समापन PRATYAYA AMRIT : बिहार के नए मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने CM नीतीश कुमार से की मुलाकात, घाटे में चल रहे विभाग की बदल दी किस्मत

पारस हॉस्पिटल में बची मासूम बच्ची की जान, सांस की नली में फंसी मेटल पिन को डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत से निकाला

1st Bihar Published by: Updated Sat, 11 Jul 2020 11:52:53 PM IST

पारस हॉस्पिटल में बची मासूम बच्ची की जान, सांस की नली में फंसी मेटल पिन को डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत से निकाला

- फ़ोटो

PATNA : पटना के पारस हॉस्पिटल में एक मासूम बच्ची की जान बड़ी मुश्किल से डॉक्टरों ने बचा ली. दरअसल एक मासूम बच्ची की सांस की नली में मेटल पिन फंस गई थी. जिसे डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला. हाॅस्पिटल के पल्मोनोलाॅजिस्ट डाॅ. कुमार अभिशेक ने दो घंटे तक ब्रोंकोस्कोपी विधि से सांस की नली से मेटल पिन निकालकर उस बच्ची को नया जीवनदान दिया.


पारस हाॅस्पिटल के पल्मोनोलाॅजिस्ट डाॅ. कुमार अभिशेक ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी कर सिर्फ मल्टी स्पेशलिस्ट हाॅस्पिटल में ही हैं. जहां अनेक तरह की मशीनें, उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. उन्होंने बताया कि गलती से सांस नली में मेटल पिन चले जाने के बाद खाॅसी की तकलीफ से जूझ रही कटिहार की एक 15 साल की लड़की को पारस एचएमआरआई सुपर स्पेषिलिटी हाॅस्पिटल, राजाबाजार, पटना में भर्ती कराया गया. जहां ब्रोंकोस्कोपी दूरबिन विधि से पिन को निकाल कर राहत दिलायी गई.


उन्होंने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि बच्ची दांत में पिन को दबाकर कुछ कर रही थी कि अचानक पिन उसके मुंह से सांस की नली में चली गई. फिर उसे काफी खांसी होने लगी. तब उसे कटिहार में एक डाॅक्टर के पास ले जाया गया जहां से उसे पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल रेफर किया गया. हाॅस्पिटल के पल्मोनोलाॅजिस्ट डाॅ. कुमार अभिशेक ने बताया कि पिन फेफड़ा में चला गया था.


एक्स-रे और इंडोस्कोपी से पता चला कि वह खाने की नली में नहीं है,बल्कि सांस की नली में है. तब उसे ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया जहां एनेस्थेसिया देकर उसे बेहोश किया गया.  इसके बाद ब्रोंकोस्कोपी विधि से पिन को दो घंटे के अथक प्रयास से बाहर निकाला गया. इस कार्य में पेन एण्ड पैलिएटिव क्लीनिक की डाॅ.  शानो मिराज का भी सराहनीय योगदान रहा.


डाॅ. अभिषेक ने बताया कि साॅस नली में किसी भी तरह का फोरन बाॅडी (थ्वतमपहद ठवकल) निकालने की सुविधा मल्टी स्पेशलिस्ट हाॅस्पिटल में ही संभव हो पाता है, जहां हर तरह की मशीनें, उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे यहां ये सभी चीजें उपलब्ध है, इसलिए हम इस तरह का जटिल काम आसानी से करते हैं. मेटल पिन निकालने के बाद से लड़की को अब खांसी की कोई तकलीफ नहीं है और खाना पीना सामान्य ढंग से ले रही है.