SAHARSA : 90 के दशक में कोसी के इलाके के अंदर डॉन रहे पप्पू देव की मौत के बाद अब बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, पप्पू देव की मौत को लेकर पुलिस से जो दावा कर रही है. अब उन्हें दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि मुठभेड़ के दौरान हार्टअटैक से पप्पू देव की मौत हुई. लेकिन पप्पू देव के शरीर पर चोट के निशान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे है. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि पप्पू देव की मौत तो हार्टअटैक से हुई या फिर पुलिस की पिटाई से.
सहरसा से जो खबर सामने आई है उसके मुताबिक सदर अस्पताल में पप्पू देव को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उसका इलाज आईसीयू में चल रहा था लेकिन उसकी मौत हो गई है. हालांकि पप्पू की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं. पप्पू देव 90 के दशक में कोसी के इलाके में एक बड़े डॉन के तौर पर उभरा था.
जब बिहार में जुर्म एक उद्योग का रूप ले चुका था, उस दौर में पप्पू देव कोसी के इलाके में ऑपरेट करता था. माना जाता था कि पप्पू देव की मर्जी के बगैर उस इलाके में किसी की किडनैपिंग नहीं की जा सकती. अगर कोई छोटा गिरोह किडनैपिंग की वारदात को अंजाम भी देता था तो अपहृत आखिरकार पप्पू देव के नेटवर्क में ही पहुंचता था.
पुलिस ने पप्पू देव के मौत की जो कहानी सुनाई उसके अनुसार, 18 दिसंबर की शाम सदर थाना को सूचना प्राप्त हुई थी कि सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में पप्पू देव और उसके कुछ समर्थक जबरदस्ती हथियार से लैस होकर अपने गुर्गों के साथ एक जमीन की घेराबंदी करवाने का प्रयास कर रहा था. पुलिस द्वारा छापामारी की गई तो पप्पू देव और उसके समर्थकों द्वारा पुलिस पर गोलियां चलाई गई. जवाबी कार्रवाई में पुलिस के द्वारा भी आत्म रक्षार्थ फायरिंग की गई.
पुलिस से घिरा हुआ देखकर पप्पू देव अपना राइफल लेकर भागने की कोशिश करने लगा तथा उसने दीवार से छलांग लगा दी. पुलिस बल के द्वारा उसे उठा कर लाया गया. पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उसने छाती में दर्द होने की शिकायत की तो उसे देर रात 2:05 पर सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया. 3:10 पर उसे चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दूसरे संस्थान में ले जाने की बात कहते हुए रेफर कर दिया. पुलिस के द्वारा तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था की गई तथा उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल या पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की तैयारियां शुरू की गई.
इसी दौरान 4:00 बजे चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में एक ऑटोमेटिक राइफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा तथा 47 चक्र गोलियां तथा कई खोखा बरामद की गई है. सदर अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा पप्पू देव को मृत घोषित कर दिया. पर अब पप्पू देव की जो तस्वीर सामने आ रही है उससे पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं.
पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि मुठभेड़ के दौरान हार्टअटैक से पप्पू देव की मौत हुई. लेकिन पप्पू देव के शरीर पर चोट के निशान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे है. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि पप्पू देव की मौत तो हार्टअटैक से हुई या फिर पुलिस की पिटाई से.