PATNA :बिहार में ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटरों को 15 जून के बाद बंद कर दिया जाएगा। बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला अगले एक दिनों में बंद हो जाएगा। वहीं लॉकडाउन में छूट के बाद अब सरकार अवेयरनेस ड्राइव शुरु करने जा रही है।
बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार में 15 जून तक ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स को फंक्शनल रखने का निर्णय लिया गया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश इच्छुक लोग बिहार आ चुके हैं और बहुत कम लोग बचे हुए हैं, वह अगले भी एक से दो दिन के अंदर आ जायेंगे। सरकार ने एक केटेगरी का शहर जो डिफाइन किया गया हैं, उन शहरों से आनेवाले प्रवासियों को दो सप्ताह के लिए ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स में आवासित कराया जाता है। वह दो सप्ताह 15 जून तक पूरा होगा। 15 जून के बाद ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर को समाप्त किया जाएगा। उन्होनें बताया कि ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स की संख्या अभी 12,291 हैं। इनमे अभी तक कुल 13 लाख 71 हजार 266 लोग आवासित हुए हैं।इनमे से 7 लाख 94 हजार 474 लोग क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी कर अपने घर जा चुके हैं और वे अब होम क्वारंटाइन में हैं। वर्तमान में 5 लाख 76 हजार 792 लोग ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स में आवासित हैं।
उन्होनें बताया कि प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए जो ट्रेनें शिड्यूल्ड की गयी थीं, उनमे से अधिकांशतः ट्रेनें बिहार आ चुकी हैं। आज की तिथि तक कुल 1,433 श्रमिक स्पेशल ट्रेन सीमावर्ती इलाकों से चलाई गयी ट्रेनों के माध्यम से 19 लाख 47 हजार 127 लोग बिहार आये हैं।
अनुपम कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में काफी हद तक ढील दी जा चुकी है और अब काफी एक्टिविटी बढ़ेंगी, इसलिए सरकार ने बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी पंचायतों में माइकिंग के माध्यम से एवं विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स यथा होर्डिंग्स,रेडियो, टेलीविजन के जरिये काफी इंटेंसिटी के साथ अवेयरनेस ड्राइव चलाया जाएगा। ताकि इस बीमारी से बचाव के लिए जो भी उपाय हैं, उनका अनुपालन करें। इसके लिए अगले एक से दो दिनों में मॉस स्केल पर एक अवेयरनेस ड्राइव शुरू किया जाएगा।
सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने बताया कि लॉकडाउन के संबंध में गृह मंत्रालय (भारत सरकार) से जो दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, वह एज इट इज लागू किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि आज लॉकडाउन पीरियड खत्म हो रहा है और गृह मंत्रालय (भारत सरकार) से जो नई गाइडलाइन जारी की गयी है, बिहार में ज्यों का त्यों लागू रहेंगी। बिहार सरकार उसमे किसी प्रकार का संशोधन नहीं करेगी। पिछले कुछ समय से बिहार सरकार कुछ एडिशनल मेजर्स भी लेती थी। लेकिन इस बार यही निर्णय लिया गया है कि जो भी गाइडलाइन्स आयी हैं, उसे एज इट इज लागू किया जाएगा।