PATNA : कोरोना से बचाव के लिए दी जा रही वैक्सीन को लेकर मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की उदासीनता पर सरकार ने सख्ती दिखायी। सरकार ने यह एलान किया कि अगर पंचायत चुनाव के उम्मीदवार कोरोना वैक्सीन नहीं लेते हैं तो उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाएगी लेकिन अब राज्य निर्वाचन आयोग को इसके लिए दिशानिर्देश जारी करना है। नई खबर यह है कि चुनाव लड़ने के लिए कोरोनावा वैक्सीन की अनिवार्यता को पंचायती राज एक्ट में संशोधन के जरिए जोड़ा जा सकता है।
सरकार में इसी तरह का एक फैसला साल 2016 में पंचायत चुनाव के पहले किया था। सरकार ने यह निर्णय लिया था कि जिनके घर में शौचालय नहीं होगा वह पंचायत का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके लिए एक्ट में बदलाव भी किया गया था लेकिन बाद में चुनाव के ठीक पहले सरकार ने अपने ही फैसले को वापस ले लिया था। कोरोना वैक्सीन की अनिवार्यता के लिए भी एक्ट में संशोधन करना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में इसे लेकर फैसला लिया जा सकता है और इसी के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग अपनी गाइडलाइन में आदेश जारी करेगा।
आपको बता दें कि बिहार में सितंबर अक्टूबर महीने में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं ऐसी खबरें आ रही हैं। बिहार में ईवीएम पर फंसे पेंच और फिर बाद में कोरोना की दूसरी लहर के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो पाए। उधर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने फिर कहा है कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना अनिवार्य होगा। सरकार के फैसले को ध्यान में रखकर ही राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से गाइडलाइन जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों को नामांकन के दौरान ही एक शपथपत्र देना होगा कि उन्होंने कोरोना का टीका लिया है। साथ ही साथ कोरोना वैक्सिनेशन का प्रमाण पत्र भी देना पड़ सकता है।