पंचायत चुनाव में जेडीयू को हैसियत बतायेगी बीजेपी, पार्टी नेताओं को मैदान में उतारने का किया एलान

पंचायत चुनाव में जेडीयू को हैसियत बतायेगी बीजेपी, पार्टी नेताओं को मैदान में उतारने का किया एलान

BEGUSARAI: बिहार में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वैसे तो दलीय आधार पर नहीं होने जा रहे हैं. यानि किसी पार्टी का कोई अधिकृत उम्मीदवार नहीं होगा. लेकिन बीजेपी ने इस चुनाव में अपनी ताकत दिखाने का एलान कर दिया है. पंचायत चुनाव में बीजेपी ने अपने नेताओं को मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है.


जिला परिषद के लिए खड़े होंगे बीजेपी के नेता

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शनिवार को बेगूसराय जिला बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में ये एलान किया. संजय जायसवाल ने पार्टी की जिला कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला परिषद सदस्य और फिर अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी अपने समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी. यानि बीजेपी के नेता जिला परिषद सदस्य के लिए मैदान में उतरेंगे औऱ पार्टी की स्थानीय इकाई उनके लिए काम करेगी. संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता अभी से ही पंचायत चुनाव के लिए काम करना शुरू कर दे.


जेडीयू को ताकत दिखाने की तैयारी?

दरअसल पंचायत चुनाव दलीय आधार पर भले ही नहीं हो रहे हों जेडीयू के कई नेताओं ने पहले ही साफ किया है कि उनकी पार्टी के लोग चुनाव मैदान में उतरेंगे औऱ उनकी पार्टी की ओर से मदद की जायेगी. अब बीजेपी ने एलान किया है कि जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए उसके समर्थित उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. इन दो पार्टियों के अलावा किसी और पार्टी ने पंचायत चुनाव में अपने समर्थित उम्मीदवार उतारने का एलान नहीं किया है. 


ये भी साफ है कि दलगत आधार पर नहीं होने जा रहे पंचायत चुनाव में कोई गठबंधन तो होगा नहीं. ऐसे में बीजेपी और जेडीयू के समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में आमने सामने होंगे. यानि दोनों पार्टियों में कहीं न कहीं एक दूसरे को अपनी ताकत दिखाने की होड़ मचेगी. 


बीजेपी के एक नेता ने बताया कि उनकी पार्टी की मंशा है ज्यादा से ज्यादा जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर अपने लोगों को बिठाना. जिला परिषद सदस्य के चुनाव में भले ही उम्मीदवार के पास पार्टी का झंडा औऱ चुनाव चिन्ह नहीं होगा लेकिन वोटरों को ये जानकारी जरूर दे दी जायेगी कि कौन बीजेपी समर्थित उम्मीदवार है।


बीजेपी की कोशिश होगी कि उसके द्वारा समर्थित ज्यादा से ज्यादा जिला परिषद सदस्य चुनाव जीत कर आयें. वही सदस्य जिला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. बीजेपी बिहार के ज्यादातर जिला परिषद पर कब्जा करने की रणनीति तैयार कर रही है.