'पहले तय करें CM का नाम, फिर होगी आगे की बात...', BJP को शिवसेना-NCP का दो टूक जवाब; जानिए कहां फंस रहा पेंच

'पहले तय करें CM का नाम, फिर होगी आगे की बात...',  BJP को शिवसेना-NCP का दो टूक जवाब; जानिए कहां फंस रहा पेंच

DESK : महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर अभी और समय लगने की उम्मीद है। इसको लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। हालांकि,दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ हुई राज्य के महायुति नेताओं की बैठक में सरकार का खाका तो खींच दिया गया, लेकिन सहयोगी दलों के साथ अभी विभागों के बंटवारे और उपमुख्यमंत्री पद के चेहरों को लेकर स्पष्टता होनी है। इस बीच सहयोगियों ने कहा है कि पहले भाजपा अपना विधायक दल का नेता चुने, उसके बाद आगे की बात की जाएगी।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ राज्य के महायुति नेताओं की बैठक में भाजपा का मुख्यमंत्री और दोनों सहयोगी दलों शिवसेना तथा एनसीपी से उपमुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बन गई है। इस बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार भी मौजूद थे।


सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में यह तय किया गया कि शिवसेना से एक दर्जन और एनसीपी से नौ कैबिनेट मंत्री सूत्रों के अनुसार शिवसेना से एक दर्जन और एनसीपी से नौ कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद महायुति की होने वाली बैठक में इस पर मुहर लगेगी। सहयोगी दल नए बनने वाले मुख्यमंत्री के साथ ही आगे की बात करेंगे। भाजपा द्वारा फडणवीस का नाम लगभग तय है। आखिरी वक्त में कुछ बदलाव न हो जाए, इसको लेकर सहयोगी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। 


शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के लिए तैयार तो हो गई है, लेकिन एकनाथ शिंदे खुद इसके लिए तैयार नहीं हो पा रहे। अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो उनको अपनी पार्टी से किसी अन्य नेता का नाम तय करना होगा। हालांकि, भाजपा ने उनसे कहा है कि उनकी अपनी पार्टी, गठबंधन एवं सरकार की मजबूती के लिए फडणवीस की तरह उनको भी सरकार में शामिल होना चाहिए।


आपको बता दें कि, राज्य में पांच मुख्य विभागों को लेकर बंटवारा होना है। इनमें गृह, वित्त, राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग शामिल है। भाजपा के पास इनमें से दो विभाग रह सकते हैं। एक-एक विभाग एनसीपी और शिवसेना के हिस्से में आएगा। सूत्रों का कहना है कि रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है इसके बाद दो दिसंबर को नई सरकार अस्तित्व में आ सकती है। हालांकि, यह गठबंधन दलों के बीच विभागों के बंटवारे पर निर्भर करेगा। इसमें अगर देर लगती है तो नई सरकार चार दिसंबर को अस्तित्व में आ सकती है।