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Padma पुरस्कारों का ऐलान: पहली महिला महावत पार्वती बरूआ समेत 34 विभूतियों को सम्मान

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Jan 2024 10:10:58 PM IST

Padma पुरस्कारों का ऐलान: पहली महिला महावत पार्वती बरूआ समेत 34 विभूतियों को सम्मान

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DESK: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव समेत 34 हस्तियों को यह सम्मान मिला है। जिसमें चार्मी मुर्मू, सोमन्ना, सर्वेश्वर, सांगथाम समेत कई बड़े नाम भी शामिल हैं। बता दें कि इससे पूर्व 23 जनवरी को केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था।


असम की रहने वाली 67 साल की पारबती बरुआ भारत की पहली महिला हाथी महावत हैं जिन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया है। वही 67 साल के जागेश्वर यादव जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। जिन्हें आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को सामाजिक कार्य (आदिवासी पीवीटीजी) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा। जागेश्वर यादव बिरहोर पहाड़ी कोरवा के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वही झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता 53 वर्षीय चामी मुर्मू आदिवासी पर्यावरणविद् और महिला सशक्तिकरण चैंपियन सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा।


हरियाणा में सामाजिक कार्य से जुड़े 53 वर्षीय गुरविंदर सिंह बेघर, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम करते हैं। दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह को सामाजिक कार्य (दिव्यांगजन) के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित होंगे। वही केरल के रहने वाले 50 वर्षीय सत्यनारायण बेलेरी को कृषि अनाज चावल के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया। 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसलों के संरक्षक के रूप में सामने आए।


पश्चिम बंगाल के रहने वाले 78 वर्षीय दुखू मांझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। अंडमान व निकोबार के रहने वाले 69 वर्षीय के चेल्लम्मल (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला। 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक उन्होंने विकसित किया। वही मिजोरम के 63 वर्षीय संगथंकिमा मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय 'थुतक नुनपुइटु टीम' चलाते हैं।आइजोल के इस सामाजिक कार्यकर्ता को सामाजिक कार्य (बाल) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा।


वही 70 साल के हेमचंद मांझी जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं उन्हें भी यह सम्मान दिया जाएगा। नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी को चिकित्सा (आयुष पारंपरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे महत्वपूर्ण सम्मान हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री के तौर पर दिया जाता है. पद्म सम्मान की शुरुआत साल 1954 में भारत सरकार ने की थी. साल 1955 में इसे पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण नाम दे दिया गया. तब से यही सिलसिला चला आ रहा है।