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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 22 Aug 2025 10:13:20 AM IST
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Bihar Transport News: परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. अवैध वसूली करना विभाग के अधिकारियों-कर्मियों का जन्मसिद्ध अधिकार सा हो गया है. यह मामला भोजपुर का है, जहां जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक वअन्य पर गंभीर आरोप लगे. 1.24 लाख रू वसूली के मामले में वास्तविक गुनाहगार को बचाने की पूरी कोशिश की गई. सारा ठीकरा भोजपुर डीटीओ कार्यालय के चलंत दस्ता सिपाही पर फोड़ दिय़ा गया, आनन-फानन में 30 अप्रैल 2025 को केस भी दर्ज हो गया. जिलाधिकारी ने पूरे मामले को लेकर जांच टीम गठित की थी. बताया जाता है कि जांच टीम ने भी डीटीओ-एमवीआई को बचाने की पूरी कोशिश की, परिवहन सिपाही से पूछताछ किए बिना ही जांच पूरी हो गई और मनमाफिक रिपोर्ट तैय़ार कर जिम्मेदार अधिकारियों को बचा लिया गया. अब उक्त परिवहन सिपाही, जिस पर सारा ठीकरा फोड़ा गया था, वो सामने आय़ा है. उसने जांच टीम की रिपोर्ट को एकतरफा बताते हुए नई जांच टीम गठित कर जांच कराने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.
बिना पूछताछ ही रिपोर्ट तैयार..परिवहन सिपाही ने जांच टीम की रिपोर्ट पर उठाये सवाल
1.24 लाख रू रिश्वत लेने के आरोप में भोजपुर परिवहन कार्यालय के चलंत दस्ता सिपाही रोहित यादव के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. अब वह सिपाही सामने आया है. 20 अगस्त 2025 को उसने भोजपुर के जिलाधिकारी को एक पत्र रिसीव कराया है. जिसमें कहा गया है कि आरोप है कि ट्रक मालिक से 1 लाख 24 लाख रू अवैध रूप लिया गया है. इस आरोप में आपके स्तर से एक जांच टीम गठित की गई थी. त्रिस्तरीय जांच कमेटी द्वारा जांच के दौरान हमें सूचना नहीं दी गई। न ही मेरे पक्ष को सुना गया. इस अवधि में वे सीआरपीएफ कैंप में बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. जांच कमेटी द्वारा पक्षपात पूर्ण तरीके से एक पक्षीय जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है. यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. ऐसे में नई जांच कमेटी बनाकर मेरी उपस्थिति में जांच कराई जाय.
डीटीओ-एमवीआई समेत अन्य को भेजा गया था नोटिस
जिलाधिकारी के आदेश पर भोजपुर के जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता ने इस संबंध में नोटिस जारी कर सभी को उपस्थित होकर साक्ष्य समेत लिखित पक्ष रखने को कहा था .एडीएम सह जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकारी ने पूरे मामले से जुड़े आठ लोगों के पास नोटिस भेजा था. जिसमें तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी रवि रंजन, वर्तमान मोटरयान निरीक्षक धनोज कुमार , परिवहन विभाग के सिपाही रोहित कुमार, जिला ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार, गाड़ी मालिक और उनके रिश्तेदार अंकित कुमार, दलाल हकीकत कुमार और सीमा कुमारी शामिल थे. लेकिन जांच टीम ने सिपाही रोहित कुमार से पूछताछ किए बिना ही रिपोर्ट सौंप दिया.
भोजपुर ट्रक ऑनर एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार ने खोली थी पोल
बता दें, भोजपुर जिला ट्रक ऑनर एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार के आवेदन पर भोजपुर जिले के कोईलवर थाने में डीटीओ कार्यालय के सिपाही व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई . भोजपुर डीटीओ कार्यालय के सिपाही रोहित कुमार एवं अन्य के खिलाफ दिए आवेदन में आवेदक ने बताया कि ये सभी खनन कानून का भय दिखाकर एक लाख चौबीस हजार रू अवैध तरीके से लिए हैं. गाड़ी सं- BR05GD7161 के मालिक अमित कुमार ने उन्हें जानकारी दी थी कि उनसे स्कैनर के माध्यम से 1 लाख रू और नकद 24 हजार रू लिए गए। यूपीआई के माध्यम से हकीकत कुमार और सीमा कुमारी के बैंक खाते में वो राशि गई है. ट्रक मालिक ने साक्ष्य के तौर पर जिस स्कैनर पर राशि भेजी गई है वो दिया है.
आवेदक अजय कुमार ने अपने आवेदन में उल्लेख किया था कि हमने इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की थी. भोजपुर जिला ट्रक ऑनर संघ के अध्यक्ष होने के नाते हमने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी. इस घटना में जिला परिवहन पदाधिकारी एवं मोटरयान निरीक्षक की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके बाद कोईलवर थाने की पुलिस ने 30 अप्रैल को केस सं-116-25 दर्ज किया. बीएनएस की धारा 308(2)(3), 316 (5) व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है.