ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Rain Alert: राज्य के 23 जिलों में आज बारिश मचाएगी तबाही, आंधी और बिजली का भी खतरा Jagannath Puri Rath Yatra 2025: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 40 से अधिक श्रद्धालु बेहोश Jagannath Puri Rath Yatra 2025: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 40 से अधिक श्रद्धालु बेहोश Bihar News: करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक निकला बिहार का भ्रष्ट लेखापाल, EOU की छापेमारी में मिले करोड़ों की जमीन के दस्तावेज Bihar News: करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक निकला बिहार का भ्रष्ट लेखापाल, EOU की छापेमारी में मिले करोड़ों की जमीन के दस्तावेज Bihar Politics: बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर सियासी बवाल, VIP ने बोला जोरदार हमला Bihar Politics: बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर सियासी बवाल, VIP ने बोला जोरदार हमला Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाह रहे लालू’ बिहार बदलाव यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Politics: ‘9वीं फेल बेटे को सीएम बनाना चाह रहे लालू’ बिहार बदलाव यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar News: बिहार के एक SDPO के खिलाफ चलेगी विभागीय कार्यवाही ! पुलिस टीम को सहयोग नहीं करने का है आरोप

OBC आरक्षण बिल लोकसभा से पारित, अब राज्यसभा में पेश होगा बिल, जातियों की सूची राज्य सरकार कर सकेगी तैयार

1st Bihar Published by: Updated Tue, 10 Aug 2021 08:25:57 PM IST

OBC आरक्षण बिल लोकसभा से पारित, अब राज्यसभा में पेश होगा बिल, जातियों की सूची राज्य सरकार कर सकेगी तैयार

- फ़ोटो

DESK: राज्य सरकारों को OBC रिजर्वेशन के लिए जातियों की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले बिल पर लोकसभा में मुहर लग गयी है। लोकसभा ने इस विधेयक को 386 मतों से पारित किया है। वहीं इसके खिलाफ कोई वोट नहीं पड़े। संविधान में 127वें संशोधन के लिए लाए गए विधेयक के तहत राज्यों को अपने मुताबिक OBC आरक्षण के लिए सूची तैयार करने का अधिकार मिलेगा।


लोकसभा से पारित हुए इस बिल को अब राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देशभर में कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। इस नए कानून से महाराष्ट्र समेत कई राज्यों को स्थानीय स्तर पर जातियों को OBC आरक्षण की सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा। 


इस बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस समेत कई दलों ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराए जाने की भी मांग की। इसके अलावा आरक्षण की सीमा को भी 50 फीसदी से ज्यादा किए जाने की मांग की। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने यह मांग की। 


सपा नेता अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना पर जोर देते हुए यह कहा कि यह समय की मांग है। इसलिए जातिगत जनगणना करायी जानी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो फिर यूपी में सरकार बनाने के बाद हम जरूर करेंगे। वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जातीय जनगणना को जरूरी बताया था। 


गौरतलब है कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र का जवाब अबतक नहीं आया है। बिना केंद्र की मदद के भी राज्य की विभिन्न जातियों की गणना कराने के विकल्प पर विचार राज्य सरकार कर रही है। 


जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जातीय जनगणना को जरूरी बताया था और आज मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसे जरूरी बताया। ललन सिंह लोकसभा में संविधान के 127वें संशोधन के पक्ष में बोल रहे थे। ललन सिंह ने जातीय जनगणना को जरूरी बताते हुए कहा कि बिना इसके ओबीसी के साथ इंसाफ नहीं हो सकता।