ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे

एनएसएमसीएच में सस्ते में हो रहा कान से जुड़ी बीमारियों का इलाज, कम या ऊंचा सुननेवाले को किया जा रहा ठीक

1st Bihar Published by: Updated Mon, 20 Jul 2020 06:32:53 PM IST

एनएसएमसीएच में सस्ते में हो रहा कान से जुड़ी बीमारियों का इलाज, कम या ऊंचा सुननेवाले को किया जा रहा ठीक

- फ़ोटो

PATNA :  बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएसएमसीएच)  में कान से जुड़ी बीमारियों का इलाज सस्ते में किया जा रहा है. कम सुनाई देने या ऊंचा सुननेवाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलाव कान से जुड़ी अन्य जटिल समस्या से ग्रसित लोग भी एनएसएमसीएच से ठीक होकर घर लौट रहे हैं.


अत्याधुनिक नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की खास बात यह है कि यहां का इलाज आधुनिक के साथ काफी सस्ता भी है. पटना में कान के जिस बीमारी के इलाज पर 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. पटना में कान के जिस बीमारी के इलाज पर 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. वहीं एनएसएमसीएच में यह खर्च एक चौथाई है. ईएनटी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिमन्यु अनंत ने बताया कि कान में कई तरह की समस्या हो सकती है. जैसे-कान से मवाद आना, कम सुनाई देना आदि. ऐसे जटिल रोग का इलाज मोडिफायड रेडिकल मास्टयडेक्टॉमी सर्जरी के माध्यम से किया जा रहा है.


इसके अलावा कॉर्टिकल मास्टयडेक्टॉमी और टाय्मपानोप्लास्टि विधि से भी कान के रोगों का इलाज किया जा रहा है. ये सब अत्याधुनिक विधि है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से सभी सावधानियों को ध्यान में  रखते हुए कान, नाक और गले का बिना चिरा लगाए ऑपरेशन (इंडोस्कोपिक) यहां किया जा रहा है. इलाज करने के से पहले मरीज का कोरोना जांच कराया जा रहा है. वहीं मरीजों को कोरोना से बचने का तरीका भी बताया जा रहा है. उन्हें गाइडलाइन्स से अवगत कराया जा रहा है. जैसे-मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, सेनिटाइजर का उपयोग करें या नियमित हाथ धोएं आदि.