दुमका में खौफनाक कांड: पत्नी और दो बच्चों की हत्या के बाद पति ने किया खुदकुशी, इलाके में सनसनी अरवल: पैर फिसलने के बाद आहर में गिरा युवक, पानी में डूबने से हुई मौत नए लेबर कोड्स के तहत ऑडियो-विज़ुअल और डिजिटल मीडिया वर्कर्स को क्या-क्या मिलेंगे लाभ? जानिये PM और एक महिला विधायक का मॉर्फ कर FB पर आपत्तिजनक फोटो डालने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज, बिहार पुलिस ने लिया एक्शन धनकूबेर निकला उत्पाद अधीक्षक अनिल आजाद: करोड़ों की जमीन और निवेश का खुलासा, जानिये पत्नी के नाम पर कितना है जमीन? SAHARSA: गैस लीकेज रहने के कारण सिलेंडर में लगी आग, बाप-बेटे झुलसे लालू की पार्टी पर जीतन राम मांझी ने कसा तंज, कहा.. बिहार में आरजेडी का हश्र डायनासोर के जैसा होगा Amazon ने लॉन्च किया नया Price History फीचर, अब सेल की ‘फर्जी डिस्काउंट’ ट्रिक से बचेगा ग्राहक Bihar News: बिहार के स्कूलों में लागू होगा डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम, टैबलेट से बच्चों और शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी Bihar road construction : बिहार में गांवों में बदलेगी सड़कों की सूरत , ग्रामीण कार्य मंत्री का बड़ा फैसला; अब सरकार लीज पर लेगी जमीन
1st Bihar Published by: Updated Sun, 20 Feb 2022 10:25:40 AM IST
- फ़ोटो
NALANDA : कोरोना महामारी के कारण बीते दो सालों से शैक्षणिक गतिविधियां ठप रही. लेकिन अब धीरे धीरे सभी कुछ पटरी पर आ रही है. नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केसी सिन्हा एवं कुलसचिव डा. घनश्याम राय के छह महीना पूरा होने पर शनिवार को विवि ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया. अधिकारियों के अनुसार इस अवधि में विवि ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं.
बताया गया कि सेशन 2021-22 में अब तक यहां 21 हजार नामांकन हो चुका है. और अभी लगभग तीन हजार छात्र-छात्राओं का वैलीडेशन होना बाकी है. कुलसचिव डा. घनश्याम राय ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण बीते दो सालों से शैक्षणिक गतिविधियां रुकी हुई थी..
कुल सचिव ने बताया कि अब धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर लौट रही है. काफी संख्या में नए अध्ययन सेंटर लाए गए है. अब तक 42 नए अध्ययन केंद्र स्थापित हो चुके है. विवि मुख्यालय, अध्ययन केन्द्रों पर संगोष्ठी, परिचर्चा, जागरूकता कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे है. कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने बताया कि पहली बार सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के लिए संबद्ध डिग्री कालेजों में अध्ययन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया.
बिहार के सुदूर पिछड़ा क्षेत्रों में 12 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में अध्ययन केन्द्र स्थापित किए गए. प्रतिकुलपति प्रो. संजय कुमार के निर्देशन में नैक मूल्यांकन को लेकर कवायद की जा रही है. जानकरी हो कि विवि को नैक ग्रेडिंग के आधार पर ही सरकार से अनुदान मिलता है.